tag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post912563983004821924..comments2024-02-11T08:46:41.916+05:30Comments on क्रांति स्वर: परमात्मा क़े विराट स्वरूप क़े दर्शन करेंvijai Rajbali Mathurhttp://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-56085010114055757822010-12-24T22:06:52.041+05:302010-12-24T22:06:52.041+05:30सारगर्भित पोस्ट सोचने को मजबूर करती हमक्या करते ह...सारगर्भित पोस्ट सोचने को मजबूर करती हमक्या करते है कहाँ हैSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-81681751419927434532010-12-24T19:14:54.020+05:302010-12-24T19:14:54.020+05:30उच्च कोटि का आलेख प्रस्तुत किया है आपने।
सचमुच, पर...उच्च कोटि का आलेख प्रस्तुत किया है आपने।<br />सचमुच, परमात्मा सम्पूर्ण सृष्टि में व्याप्त है, यही उसकी विराटता है।<br />परमात्मा के चरणरूपी इस धरती की रक्षा के लिए हमें हरसंभव उपाय करना चाहिए, तभी मानव शेष रहेगा और मानवता भी।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-51851712195536034932010-12-23T12:34:41.525+05:302010-12-23T12:34:41.525+05:30बहुत अच्छा लगा यह लेख और परमात्मा का विराट स्वरुप...बहुत अच्छा लगा यह लेख और परमात्मा का विराट स्वरुप भी ।<br />पर्यावरण के बारे में आपने बहुत सही विचार प्रकट किये हैं । <br />कभी कभी लगता है कि मृत शरीर के क्रियाक्रम में खर्च की जाने वाली ४-५ क्विंटल लकड़ी को भी बचाया जा सकता है ।<br />इस पर भी कृपया एक लेख लिखें ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.com