tag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post2724715847949367163..comments2024-02-11T08:46:41.916+05:30Comments on क्रांति स्वर: अर्थ -अनर्थ और भाषा का तमाशा (२)vijai Rajbali Mathurhttp://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-18932996955743527862011-03-28T21:38:26.970+05:302011-03-28T21:38:26.970+05:30मैं भी गोदियाल जी की बात से पूर्णतः सहमत हूँ।
आप स...मैं भी गोदियाल जी की बात से पूर्णतः सहमत हूँ।<br />आप सुविज्ञ हैं...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-38094659838264594012011-03-28T20:19:51.972+05:302011-03-28T20:19:51.972+05:30आपके सार्थक लेखों को पढना अच्छा लगता है..... कृपया...आपके सार्थक लेखों को पढना अच्छा लगता है..... कृपया इन्हें जारी रखें डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-64714869868072224662011-03-28T20:06:15.552+05:302011-03-28T20:06:15.552+05:30धन्यवाद!डाक्टर साहब .धन्यवाद!डाक्टर साहब .vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-52291608584201397032011-03-28T19:37:17.282+05:302011-03-28T19:37:17.282+05:30माथुर साहब , विचारों में मतभेद होना स्वाभाविक सा ...माथुर साहब , विचारों में मतभेद होना स्वाभाविक सा है । लेकिन किसी को भी उत्तेजित नहीं होना चाहिए ।<br />आप भी कृपया रिएक्ट न करें । गोदियाल जी ने सही कहा कि अपना काम करते रहें ।<br />एक और विनती है --लेखन के विषयों में थोड़ी विविधता अवश्य लायें ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-20908089442791179432011-03-28T19:12:38.662+05:302011-03-28T19:12:38.662+05:30सलिल जी आपकी और गोदियाल जी की बातें अक्षरशः सही है...सलिल जी आपकी और गोदियाल जी की बातें अक्षरशः सही हैं.परन्तु न तो मैंने अपनी ही न आप सब की ही ऊर्जा नष्ट की है.केवल 'शठे शाठ्यम समचारेत'का पालन करते हुए 'नन्द लाल 'जी के इस कथन पर अमल किया है-<br />जो खेला है तलवारों से और अग्नि के अंगारों से .<br />रन भूमी में पीछे ज्जके वह कदम हटाना क्या जाने?<br />मैं किसी का निरादर या अपमान नहीं करता हूँ तो आतंवादियों -हमलावरों द्वारा किये गए आक्रमण का जवाब क्यों न दूं जबकि वे खुल्लम-खुल्ला गलत हैं.गलत तथा अन्याय का विरोध न करना भी गलती और जुल्म को प्रोत्साहित ही करना है,आप दोनों यह बखूबी जानते भी हैं.उन अहंकारियों को भी ऐसा एहसास करने की आवश्यकता है.हो सकता है वे धूर्त कातिलाना हरकतें भी करें ,परन्तु क्या कायरों की भांति चुप-चाप मौत को गले लगा लेना चाहिए?vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-79150759936752664672011-03-28T16:36:04.047+05:302011-03-28T16:36:04.047+05:30माथुर साहब!
आप मेरे लिए नमनीय हैं.. गोदियाल साहब ...माथुर साहब! <br />आप मेरे लिए नमनीय हैं.. गोदियाल साहब की बात से पूर्णतः सहमत हूँ मैं भी. आपका लेखन बिना समझे जो आलोचना करते हैं उनको जवाब देकर आप व्यर्थ अपनी ऊर्जा नष्ट करते हैं!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-6627473211827141932011-03-28T16:08:25.802+05:302011-03-28T16:08:25.802+05:30गोदियाल साहब,
बहुत बहुत धन्यवाद आपके अमूल्य सुझाव ...गोदियाल साहब,<br />बहुत बहुत धन्यवाद आपके अमूल्य सुझाव के लिए.vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-39861946430797712492011-03-28T16:02:37.600+05:302011-03-28T16:02:37.600+05:30माथुर साहब , आजकल समय की कमी की वजह से अधिक समय ब्...माथुर साहब , आजकल समय की कमी की वजह से अधिक समय ब्लॉग को नहीं दे पा रहा ! और चुकीं आप मेरे से बहुत सीनियर है इसलिए कोई राय तो नहीं दे सकता मगर इतना जरूर कहूंगा कि आप इन लफड़ों में न ही पड़े, और निर्वाद रूप से अपने लेखन ध्यान केन्द्रित रखे ! क्योंकि मेरा अपना अनुभव यह कहता है कि जितना इन पचड़ों में पड़ो, अपने ही को मानसिक थकान मिलती है ! ..... कबीरा इस संसार में भांति-भांति के लोग ....पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com