tag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post3424743946620351716..comments2024-02-11T08:46:41.916+05:30Comments on क्रांति स्वर: "भ्रष्टाचार " ------ विजय राजबली माथुर vijai Rajbali Mathurhttp://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-76131510200012379472012-08-13T15:32:15.822+05:302012-08-13T15:32:15.822+05:30मेरे असहमत होने का तो सवाल ही नहीं उठता .... !!
मेरे असहमत होने का तो सवाल ही नहीं उठता .... !!<br /> विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-11184996660878033692010-10-24T08:13:37.910+05:302010-10-24T08:13:37.910+05:30डॉ टी एस दराल जी की बातों से सहमत हूँ..... विचारण...डॉ टी एस दराल जी की बातों से सहमत हूँ..... विचारणीय प्रश्न उठाती पोस्ट.... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-46144994172585929692010-10-22T18:21:56.940+05:302010-10-22T18:21:56.940+05:30माथुर साहब, बहुत लाजमी बात कही आपने , लेकिन अफ़सोस ...माथुर साहब, बहुत लाजमी बात कही आपने , लेकिन अफ़सोस की आज के हमारे समाजवाद के ये तथाकथित सिपहसलार इतने मुलायम हो गए की शर्म भी इनपर पड़ने से फिसल जाती है ! मैं यूरोप में फ्रांस को एक समाजवादी व्यवस्था के रूप में देखता था , लेकिन वह भी धीरे-धीरे लगता है भारत का पशचिम बंगाल बनने की राह पर है ! तर्क और वितर्क इसके लिए बहुत सारे है मगर यह भी सत्य है की आज की ये तथाकथित लोकतान्त्रिक सरकारे पहले भरष्ट तरीके अपना कर राजकोषीय घाटा बढ़ा देती है और फिर उसे ठीक करने के नाम पर युवा पीढी का हक़ मारती है! अब इस देश में ही देख लीजिये, अगर सीवीसी के एक आंकलन को आधार माना जाए तो राष्ट्रमंडल खेलों के निर्माण और आयोजन में ३३% आबंटित धन लूट लिया गया ! यानी कुल ७७ हजार करोड़ रूपये का २५ हजार करोड़ रुपया लूट की भेंट चढ़ा ! यानी अगर इस देश का एक भी व्यक्तिगत करदाता २ साल तक टैक्स नहीं देता तो उस रकम से क्षतिपूर्ति की जा सकती थी ! और उठाकर उस धन को ले गए स्वेत्जर्लैंड वासियों के ऐशो-आराम करने के लिए क्योंकि ब्याज कमा कर तो वो लोग खा रहे है इस काले धन पर ! और उप[आर से यह सरकार कल दिल्ली में हर फ्लाइओवर के ऊपर चुंगी लगा देती है ( जैसा की पहले सुनने में आया था ) तो एक तो हमारे टैक्स की रकम से इन्होने चोरी की, पुल बनाया और अब उसी पुल पर हमसे टैक्स लेकर अपना घाटा पूरा करेंगे , तो विद्रोह लाजमी है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-42448012184913295092010-10-22T09:13:08.877+05:302010-10-22T09:13:08.877+05:30आपने सही कहा --भ्रष्टाचार हर क्षेत्र में हो सकता ह...आपने सही कहा --भ्रष्टाचार हर क्षेत्र में हो सकता है । मन का भ्रष्टाचार तो हमें स्वयं ही मिटाना पड़ेगा ।<br />बढ़िया आलेख ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.com