tag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post410658206619283403..comments2024-02-11T08:46:41.916+05:30Comments on क्रांति स्वर: पत्रकारिता का शौक और सिद्धान्त निष्ठाvijai Rajbali Mathurhttp://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-39812558766173484452011-11-04T16:26:18.997+05:302011-11-04T16:26:18.997+05:30आपके आलेखों में 80-90 के दशकों का इतिहास प्रतिबिंब...आपके आलेखों में 80-90 के दशकों का इतिहास प्रतिबिंबित होता है. जहाँ तक अखबारों का प्रश्न है, वे पत्रकार की स्टोरी यदि छापते भी हैं तो पहले उसे अपने मालिक की भाषा में ढाल लेते हैं. संपादक और डॉक्टर अपने नियोक्ता की भाषा बोलने के लिए विवश हैं.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.com