tag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post6347429191049370921..comments2024-02-11T08:46:41.916+05:30Comments on क्रांति स्वर: धर्म और विज्ञानvijai Rajbali Mathurhttp://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-91039767748782310442010-11-14T08:36:38.429+05:302010-11-14T08:36:38.429+05:30माथुर साहब!
भक्ति सिद्धांत और मुक्ति सिद्धांत से भ...माथुर साहब!<br />भक्ति सिद्धांत और मुक्ति सिद्धांत से भी इस द्वैतवाद की पुष्टि होती है क्योंकि साधक, सालोक्य, सार्ष्टि, सारुप्य और सायुज्ज्य की स्थिति में भी ऐक्य अथवा भी साम्य नहीं है. ईश्वर लोक में जाकर भी, उसके जैसा ऐश्वर्यशाली बनकर भी, उसके जैसा जैसा रूपवान-गुणवान बनकर भी, सायुज्ज्य रूप में विलीन होकर भी, किसी भी परिस्थिति में सर्जक और विध्वंशक जैसी शक्ति - गुण- विद्यासम्पन्न नहीं हो सकता. यह अंतर सतत और सदा के लिए राह जाएगा.........और सत्य यही है भी. ,Dr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-14265497572768729592010-10-25T20:17:49.059+05:302010-10-25T20:17:49.059+05:30सुग्य्जी ,मोनिकाजी ,अरविन्दजी ,दराल सा .
धन्यवाद ...सुग्य्जी ,मोनिकाजी ,अरविन्दजी ,दराल सा .<br /> धन्यवाद एवं आभार आप सब की सद्भावनाओं के लिए <br />यहाँ एक टिपणी के रूप में एक पूरा का पूरा पोंगापंथी आलेख किन्ही बेनामी सा .ने लिख डाला था उसे हटा दिया गया है .यह कालम सिर्फ इस आलेख से सम्बंधित विचारों के लिए है न कि किसी दुसरे आलेख के लिए ,सबह वह सा . मेरे दुसरे ब्लाग विद्रोही स्वर पैर अपनी पोस्ट डाल गए थे वहां से हटाया तो वाही आलेख फिर यहाँ लगाया था .पूर्वाग्रही पोंगापंथी इसे ही विध्वंस करते हैं ,उन्हें जनता को मूर्ख जो बनाना है .vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-23915497181966922142010-10-25T18:23:26.492+05:302010-10-25T18:23:26.492+05:30ज्ञान की बातें , आधुनिक रूप में । सहेज कर रखने योग...ज्ञान की बातें , आधुनिक रूप में । सहेज कर रखने योग्य लेख । बहुत बढ़िया ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-13785524926596594262010-10-25T14:34:24.608+05:302010-10-25T14:34:24.608+05:30aapse sahamat...vigyan our dharm me kahi virodh na...aapse sahamat...vigyan our dharm me kahi virodh nahi hai....dono ekaarthak hain.arvindhttps://www.blogger.com/profile/15562030349519088493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-66937764137253859852010-10-25T12:12:39.129+05:302010-10-25T12:12:39.129+05:30सचमुच धर्म और विज्ञान में कोई टकराव नहीं है.... यह...सचमुच धर्म और विज्ञान में कोई टकराव नहीं है.... यह मैं भी मानती हूँ.... विश्लेषणात्मक पोस्ट डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-26320771555855811342010-10-25T11:05:31.906+05:302010-10-25T11:05:31.906+05:30इस सार से पूर्णतः सहमत कि "धर्म और विज्ञान मे...इस सार से पूर्णतः सहमत कि "धर्म और विज्ञान में कहीं कोई टकराव नहिं है।"सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.com