tag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post735629336652962727..comments2024-02-11T08:46:41.916+05:30Comments on क्रांति स्वर: सत्ता-संघर्षों की दास्तान ------ विजय राजबली माथुर vijai Rajbali Mathurhttp://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-32961763248461532662011-09-09T10:30:07.006+05:302011-09-09T10:30:07.006+05:30अमरनाथ मधुर जी,
प्रतीत होता है कि आपने यह आलेख पढ़...अमरनाथ मधुर जी,<br /><br />प्रतीत होता है कि आपने यह आलेख पढ़ा नहीं है और भावावेश मे अपने उद्गार लिख दिये हैं। दूसरे तीन ब्लाग्स से भी उद्धरण उसमे लिए है ,सभी स्वतः स्पष्ट हैं। क्या आप स्वाधीनता दिवस पर ब्लैक आउट की घोषणा को ,राष्ट्र ध्वज ले कर आंदोलन चलाने को और रात्री मे राष्ट्र ध्वज फहराने को राष्ट्रद्रोह नहीं मानते?क्या आप विदेशी धन से संविधान और संसद को चुनौती देने के अभियान को चलाया जाना उचित मानते हैं?क्या आप राजनीति और राजनीतिज्ञों पर प्रहार को संसदीय लोकतन्त्र पर हमला नहीं मानते?क्या आप आर एस एस और उसके गिरोह के इन मंसूबों से नावाकिफ हैं कि गावॉ के 3 प्रतिशत एवं शहरों के 2 प्रतिशत लोगों के समर्थन से वह सत्ता पर कब्जा करके अर्ध सैनिक तानाशाही स्थापित कर सकता है?क्या आपने अन्ना आंदोलन मे उन लोगों की भूमिका को नजरंदाज कर दिया है?क्या आपने फेस बुक पर आपकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं-का जगदीश्वर चतुर्वेदी और का अरुण प्रकाश मिश्रा जी द्वारा दिये गए विचारों को गलत माना है?<br /><br />राष्ट्र हित,जन-हित मे सच बोलने से मै तो पीछे नहीं हटूँगा।vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1750404937191332592.post-8070876836804623702011-09-08T22:15:49.970+05:302011-09-08T22:15:49.970+05:30कामरेड हमारा यह नजरिया हमें वक्त पर चूक जान...कामरेड हमारा यह नजरिया हमें वक्त पर चूक जाने वाला साबित कर सकता है | अन्ना हजारे गलत हो सकते हैं पर अभी यह कहने का वक्त नहीं है |अमरनाथ 'मधुर'امرناتھ'مدھر'https://www.blogger.com/profile/02686172394497853767noreply@blogger.com