Sunday, September 5, 2010

एक दो तीन- याद रखें प्रतिदिन

पिछली पोस्ट से आगे........
२७ नवम्बर से २६ दिसंबर २००४ हेतु चेतावनी-
''चलन कलन भृगु भौम का,तुला तत्व अभिसार।
चक्रवात वायु विपुल ,पवन वेग संचार॥
तट सागर की छति बने,मेघ गाज प्रर्तिचार।
निर्णय शकुन शास्त्र का,जन छति प्रसार॥''
(नि.सा.पंचांग)
गृह नक्षत्र आंकलन पर आधारित भविष्यवानियों को यदि अंध विश्वास के तहत ठुकरा न दिया गया होता तो लाखों लोगों की जानें बचायी जा सकती थीं.जनवरी के अंतिम सप्ताह में अमरीका के मैसर्दिस इलाके में ८० की.मी.प्रति घंटे की रफ़्तार से बर्फीला तूफ़ान आया और तापमान शून्य से ३७.७ डिग्री नीचे पहुच गया अपार जन धन की हानि हुई.जब हमारे तथाकथित आध्यात्मिक देश भारत में ही भविष्य कथन का उपहास उड़ाया जाता है तब भौतिक वादी अमरीका भला कैसे इस बात पर ध्यान देता की २७ दिसंबर २००४ से २५ जन.२००५ के मध्य हेतु चेतावनी दी गयी थी-
युति योग बुध -शुक्र का,लहर शीत अधिलाक्ष।
हिम प्रपात नभ गर्जना ,ऋतू कोप नवदक्ष॥
(नि.सा.पंचांग)

मनुष्य अपने पूर्व जन्म के कर्मानुसार अपना प्रारब्ध लेकर आता है जिसका आंकलन उसकी जन्म कुंडली से किया जाता है.इसका लाभ ख़राब समय का उपाय और ग्रहों का प्रकोप शांत करवा कर किया जा सकता है और उत्तम समय पर आधिकाधिक सद्प्रयास करने में किया जा सकता है.हमारे प्राचीन ऋषियों मुनियों ने वेदों में वर्णित मानव जीवन को सुन्दर सुखद व् समृद्द बनाने के उपाय अपनाकर लाभ उठाने का निर्देश दिया है परन्तु आज हम इधर-उधर भटक कर वैदिक हवन पद्दति को भुला बैठे हैं जो पूर्णतया वैज्ञानिक है.हवन के माध्यम से ग्रहों की शान्ति,वास्तु दोषों के निराकरण और भविष्य को सुखमय बनाना संभव है परन्तु कुछ लोग इसका भी दुरूपयोग कर रहे हैं जिससे बच कर लाभ उठाया जा सकता है।



Typist--यशवंत

नोट:-रोमन से देवनागरी में टाइप होने के कारन इस ब्लॉग के आलेखों में वर्तनी की त्रुटियाँ होना संभव है.पाठकों से निवेदन है की यथा स्थान सुधार कर लें.

13 comments:

  1. आपको अध्यापक दीवस की बधाईया
    हमारे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

    मालीगांव
    साया

    ReplyDelete
  2. ब्लाग पर आना सार्थक हुआ ।
    काबिलेतारीफ़ है प्रस्तुति ।
    आपको दिल से बधाई ।
    ये सृजन यूँ ही चलता रहे ।
    साधुवाद...पुनः साधुवाद ।
    satguru-satykikhoj.blogspot.com

    ReplyDelete
  3. काबिलेतारीफ़ है प्रस्तुति । आपको दिल से बधाई ।

    ReplyDelete
  4. सुरेन्द्र भामु जी,धनंयवाद !

    ReplyDelete
  5. राजीव जी धन्यवाद,आप के सुझाव पर अमल कर दिया है.आप यदि चाहें तो पुरानी पोस्ट्स भी देख सकते हैं.

    ReplyDelete
  6. पाटली जी धन्यवाद

    ReplyDelete
  7. ZEAL जी धन्यवाद,आप यदि चाहें तो पुरानी पोस्ट्स भी देख सकतीं हैं.

    ReplyDelete
  8. सुरेन्द्र भामु जी,धनंयवाद !

    आप यदि चाहें तो पुरानी पोस्ट्स भी देख सकते हैं.

    ReplyDelete
  9. ब्लॉग-जगत में आपका स्वागत है !
    आनंद.व्. ओझा.

    ReplyDelete
  10. भविष्यवाणियां घटना बीत जाने के बाद ही क्यों पता चलती है....पहले पता क्यों नहीं चलती वैसे पढ़कर जानकारी मिली

    http://merajawab.blogspot.com

    ReplyDelete
  11. ओझा जी एवं पाण्डेय जी,,धन्यवाद,आप के पास यदि समय हो तो कृपया पिछली पोस्ट्स भी देखलें.

    ReplyDelete
  12. शशांक जी ,धन्यवाद,आप के पास यदि समय हो तो कृपया पिछली पोस्ट्स भी देखलें.
    जिसे आपने भविष्यवाणी कहा है उसे चेतावनी के रूप में पंचांग के श्लोक को उद्धृत किया था.जो घटना से पहले दी गयी थी.जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.इसी तरफ हमने लोगों को पहले से आगाह रहने का इशारा किया है.

    ReplyDelete

इस ब्लॉग पर प्रस्तुत आलेख लोगों की सहमति -असहमति पर निर्भर नहीं हैं -यहाँ ढोंग -पाखण्ड का प्रबल विरोध और उनका यथा शीघ्र उन्मूलन करने की अपेक्षा की जाती है.फिर भी तर्कसंगत असहमति एवं स्वस्थ आलोचना का स्वागत है.किन्तु कुतर्कपूर्ण,विवादास्पद तथा ढोंग-पाखण्ड पर आधारित टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं किया जाएगा;इसी कारण सखेद माडरेशन लागू है.