यह कोमल इतना होता है कि छोटी -सी बात से इसको इतनी अधिक ठेस लगती है कि यह बिल्लौरी कांच की तरह टूट कर चूर-चूर हो जाता है.यह एक प्रतीक है अनुभूतियों का ,सुन्दर स्वप्न है मानवीय कल्पनाओं का और कोष है-सद्भावना,करुणा,ममत्व,सहानुभूति और स्नेह का.
ह्रदय की पूर्ति होती है एक-दुसरे ह्रदय से ,जो उसी की तरह कोमल कल्पनाओं से ओत-प्रोत हो,जिसमें प्यार का सागर ठाठें मार रहा हो और जिसकी अनुभूति रोम-रोम में गुदगुदी मचा देने में समर्थ हो.इसी लिए भारतीय आर्य -ऋषियों ने वर्णाश्रम की व्यवस्था करते हुए गृहस्थाश्रम को सर्वाधिक महत्त्व दिया है.
ये उदगार हैं एक महान और उद्भट विद्वान के.वस्तुतः मानव-जीवन तभी सफल कहा जाता है ,जब उसका अर्द्धांग भी पूर्णतः उसके साथ एकाकार हो गया हो .जिसके घर में सुलक्षणा ,सुशील,सुन्दर और शिक्षित पत्नी हो,वह घर निश्चय ही इंद्र-भवन से बढ़ कर है.लेकिन क्या वास्तव में सबको ऐसी पत्नी मिल सकती है?प्रत्येक मनुष्य जन्म के समय प्रारब्ध में अपने पूर्व-जन्मों के संचित कर्म-फल के आधार पर पत्नी या पति कैसा मिलेगा ये लक्षण साथ लाता है.जन्म के समय उस स्थान के पूर्वीय क्षितिज पर जिस राशि की लग्न उदित हो रही होती है वही जन्म-लग्न कहलाती है.इस लग्न के आधार पर भविष्य कथन की सत्यता ९० प्रतिशत तक सटीक पाई जाती है.तो आइये देखें किस जन्म लग्न में उत्पन्न स्त्री/पुरुष को कैसा पति/पत्नी मिलने के योग हैं.
मेष-जिस मनुष्य का जन्म मेष लग्न में हुआ है उसे सुन्दर,सुशील एवं शिक्षित पत्नी/पति मिलने के योग रहते हैं.तीखे नाक-नक्श,गौर वर्ण एवं चुम्बकीय मुस्कराहट से युक्त ऐसे स्त्री/पुरुष सहज ही लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं.धार्मिक कार्यों में इनकी रूचि रहती है तथा उपवास रखने,दान-पुण्य करने में वे तत्पर रहते हैं.उदार स्वभावना ऐसे व्यक्ति करने को तत्पर रहता है.जीवन में संघर्ष यह देख सकता है और पत्नी/पति के लिए सच्चा सहायक सिद्ध होता है .इन्हें संतान सुख भी श्रेष्ठ मिलता है.
वृष-जिस जातक का जन्म वृष लग्न में हुआ हो उसकी पत्नी/पति के कम शिक्षित होने के योग रहते हैं.भाग्य भी उसका साथ नहीं देता .बाल्यावस्था से ही इसे जीवन की कठोर वास्तविकताओं का सामना करना पड़ता है तथा जो भी कार्य करना चाहता है उसमें कुछ न कुछ बाधा उपस्थित हो ही जाती है.सिर-पीड़ा एवं उदर-पीड़ा के रोग होने की संभावना रहेगी.
मिथुन-जिस व्यक्ति का जन्म मिथुन लग्न में हुआ हो उसे पत्नी/पति गर्वीला व अहंकारी मिलने के योग रहते हैं.उसके सम्मान को जरा सी ठेस लगी नहीं कि,वह सांपिन सा फुफकार उठता है.हालांकि जातक को धनी सुसराल मिलने के योग तो नहीं होते परन्तु फिर भी श्वसुर जीवन के आर्थिक पक्ष में कमोबेश सहायक ही होता है.पुत्र अच्छे व सद्गुणी पैदा होने के योग रहते हैं.
कर्क-जिस स्त्री/पुरुष का जन्म कर्क लग्न में होता है उसे पति/पत्नी क्रोधी स्वभाव का तथा जरूरत से ज्यादा टोटके बाज मिलने के योग रहते हैं.यह अपने सम्मान की रक्षा करने वाला होता है.यह स्वंय दूसरों से व्यंग्य करता है परन्तु दूसरों के व्यंग्य सहन नहीं करता है और जो इसके अहम् को ठेस पहुंचाता है उसके प्रति यह भयंकर बन जाता है.वैर(शत्रुत्व)यह भूलता नहीं और समय मिलने पर यह वैर निकाल कर ही दम लेने वाला होता है.
सिंह-जिस जातक का जन्म सिंह लग्न में होता है उसकी पत्नी/पति संघर्षशील एवं विपत्तियों का दृढ़तापूर्वक सामना करने वाला मिलता है.पुण्य-कार्य में इसकी रूचि होती है तथा प्रत्येक की यथा शक्ति सहायता करना इसका स्वभाव होता है.इस स्त्री/पुरुष में अहंकार की भावना भी प्रबल होती है,वह चाहता है कि जो कुछ भी वह कहे ,लोग उसे मानें,इसके विचारों को प्राथमिकता दें.सुन्दर,सुशील एवं गुणवान यह स्त्री/पुरुष श्रेष्ठ संतान को जन्म देने में सक्षम हैं.
कन्या-जिस जातक का जन्म कन्या लग्न में होता है उसकी पत्नी/पति कट्टर धार्मिक होता है.रंग गोरा न होते हुए भी यह सुन्दर ही होता है.चंचल व चपल ऐसा स्त्री/पुरुष समय एवं स्थिति के अनुसार उत्तर देने में पटु होता है तैराकी व स्नान का शौक़ीन भी हो सकता है.ऐसा पत्नी/पति भाग्यवर्धक तो होता ही है,गुणवान पुत्रों को भी उत्त्पन्न करने में समर्थ होता है.
तुला-जिस जातक का जन्म तुला लग्न में हुआ होता है उसे पत्नी/पति क्रूर एवं क्रोधी मिलने के योग होते हैं.बात-बात पर हाथ करना ,बात-बात पर रूठना,घर में अशांति बनाये रखना उसका स्वभाव होता है.हाँ ऐसी पत्नी/पति गहराई से सोचने एवं तदनुरूप कार्य करने का हौसला रखते हैं.परन्तु फिर भी उनका दृष्टिकोण स्वंय से ऊपर नहीं उठ पाटा.कुल मिला कर वैवाहिक जीवन मधुर रहता है.
वृश्चिक -जिस जातक का जन्म वृश्चिक लग्न में होता है उसे सुन्दर एवं गुणवान पत्नी/पति प्राप्त होता है.नाक-नक्श तीखा और रूपवान होता है.वार्तालाप करने में पटु एवं मधुर -भाषी होता है.सिलाई,कसीदा,चित्रकला,नृत्य-संगीत ,व्यंजन आदि बनाने किसी भी कला में निपुण हो सकता है.ऐसी पत्नी/पति भावुक,काम-कला(सेक्स) में प्रवीण एवं वात-वल्लभा होता है.
धनु-जिस जातक का जन्म धनु लग्न में होगा उसे पत्नी/पति सुशील एवं समझदार मिलने के योग होंगे.अधिक सुन्दर न होते हुए भी नाक-नक्श उभरे व स्वच्छ होने के कारण आकर्षक अवश्य होगा.धनु लग्न में जन्म लेने वाले को श्वसुर से बहुत अधिक लाभ तो नहीं मिलता परन्तु वह जातक के पक्ष में अवश्य होते हैं.ऐसे जातक के पति/पत्नी उच्च विचारों वाले व सौभाग्यशाली होते है. जीवन में सफल रहते हैं.
मकर-जिस स्त्री/पुरुष का जन्म मकर लग्न में होता है उसे पति/पत्नी सुन्दर ,तीखे नाक-नक्श वाली व मधुर स्वभाव के मिलते हैं.कठोरता तथा रूखेपन से इन्हें वश में नहीं किया जा सकता परन्तु भावनाओं के द्वारा इन्हें नियन्त्रण में लाया जा सकता है.जीवन की कठोर वास्तविकताओं को झेलने की इनमें क्षमता होती है.
कुम्भ-जिन जातकों का जन्म कुम्भ लग्न में होता है उन्हें पत्नी/पति तुनक-मिजाज और क्रोधी स्वभाव के मिलते हैं.जरा सा भी कार्य यदि उनकी इच्छा के अनुरूप नहीं होता तो वे रूठ जाते हैं और कलह से घर के वातावरण को विषाक्त बना देते हैं.वे व्यवस्थित रूप से रहने वाले नहीं होते हैं.पार्टियों में ये एक रस न होकर अलग-थलग रहने की प्रवृति रखते हैं.परन्तु ऐसे पति/पत्नी साहसी होते हैं और विपत्ति के समय भी धैर्य को अक्षुण रखते हैं.मानव मन की परख कर समय के अनुरूप ये अपने को ढाल लेते हैं.ये स्वस्थ और बुद्धीमान भी होते हैं.
मीन-जिन जातकों का जन्म मीन लग्न में होता है उन्हें पत्नी/पति सुन्दर सुशील,मधुर-भाषी और सौभाग्यशाली मिलने के योग रहते हैं.इनकी संतान देर से होने के कारण इस और वे चिंतित रह सकते हैं.ये अपने जीवन साथी को सन्मार्ग पर ले जाने वाले होते हैं.दृढ चित्त के ऐसे पति/पत्नी एक-दुसरे का हर बाधा में दृढ़ता से साथ देते हैं.
उपर्युक्त बारह राशियों की लग्नों में जन्में जातकों के जीवन -साथी के स्वभाव के सम्बन्ध में संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत की गई है .इन लग्नों के अतिरिक्त जन्म-कुंडली में स्थित ग्रहों का भी व्यापक प्रभाव पड़ता है और उसी के अनुरूप प्रत्येक लग्न में जन्में हर स्त्री-पुरुष के जीवन-साथी का स्वभाव समरूप न होकर प्रथा- प्रथक होता है.परमात्मा ने जिस रूप में आपका निर्माण किया है ,वह केवल आपका ही हुआ है ठीक उसी रूप में न तो कोई और हुआ है ,न है और न होगा ही. अतः आपका जीवन साथी भी जैसा है ठीक वैसा ह़ीआपकी लग्न में जन्में दुसरे जातक का नहीं हो सकता,यह सदा याद रखें.केवल स्वभावगत गुण-धर्म लगभग सामान हो सकते है,उन्हीं का अवलोकन उपरोक्त के आधार पर कर सकते हैं.
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अच्छी जानकारी दी आपने. ज्योतिष के बारे में भी कभी विस्तार से लिखिए...
ReplyDeleteप्रणाम.
इस उपयोगी जानकारी के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteअच्छी और उपयोगी जानकारी के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी ...आभार
ReplyDeleteअच्छी जानकारी माथुर साहब!
ReplyDeleteमाथुर साहब ! अब जानकार क्या करूंगा ? :) :)
ReplyDeleteगोदियाल जी जानकारी आपकी संतानों के काम आयेगी.
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