Sunday, February 26, 2012

पूनम वाणी


पूनम की जो रचनाएँ समय-समय पर 'क्रांतिस्वर' और 'जो मेरा मन कहे' मे प्रकाशित हुई हैं उन्हे आज 'पूनम वाणी' के रूप मे पुस्तकाकार रूप देकर उनको जन्मदिन का उपहार देने का प्रयास "तेरा तुझ को अर्पण,क्या लागे मेरा" के आधार पर किया है। एक तो सर्वहारा तिस पर भी  कंजूस इसके अतिरिक्त और दे भी क्या सकता था? मैंने तो सिर्फ क्रांतिस्वर के लिंक संपादित किए थे बाकी डिजाइनिंग आदि यशवंत ने सम्पन्न किए हैं। 28 जनवरी 2012  की कविता उस पुस्तक मे लिंक करने से रह गई थी उसे नीचे ज्यों का त्यों पुन : प्रस्तुत कर रहे हैं।



03 अक्तूबर 2010 -http://krantiswar.blogspot.in/2010/10/blog-post_03.html

17 नवंबर 2010 http://krantiswar.blogspot.in/2010/11/blog-post_17.html

11 दिसंबर 2010 http://krantiswar.blogspot.in/2010/12/blog-post_11.html

25 दिसंबर 2010 http://krantiswar.blogspot.in/2010/12/clinging-to-delusion-in-soltitude.html

30 दिसंबर 2010 http://krantiswar.blogspot.in/2010/12/blog-post_8518.html

28 जनवरी 2012 http://krantiswar.blogspot.in/2012/01/blog-post_28.html

17 फरवरी 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/02/blog-post_17.html

25 फरवरी 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/02/blog-post_25.html

14 अक्तूबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/10/blog-post_14.html

16 अक्तूबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/10/blog-post_16.html

24 अक्तूबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/10/blog-post_24.html

05 नवंबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/11/blog-post_05.html

06 नवंबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/11/blog-post_06.html

25 नवंबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/11/blog-post_25.html

30 नवंबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/11/blog-post_30.html

28 जनवरी 2012 http://krantiswar.blogspot.in/2012/01/blog-post_28.html

26 फरवरी 2012 http://krantiswar.blogspot.in/2012/02/2.html

30 जनवरी 2012 http://jomeramankahe.blogspot.in/2012/01/blog-post_30.html

20 जनवरी 2012 http://jomeramankahe.blogspot.in/2012/01/2.html

01 दिसंबर 2011 http://jomeramankahe.blogspot.in/2011/12/blog-post.html


शनिवार, 28 जनवरी 2012


साथ

आया बसंत
गया पतझड़
माया झूमा
छाया उल्लास
सब आशावान
करें सम्मान
चमका दिनमान
कोयल बोली
बौर मतवाली
भौरा बैठा
झूमे डालीडाली
कोयल मतवारी
कुहुक प्यारी
विरहन बेचारी
सरसों पीलीपीली
ललकारे हरियाली
रंग धानी
यौवन खेले
चाल मस्तानी
मदनमोहन मन
खेले अठखेली
दिन होली
रात दीवाली
ऐसी अभिलाषा
पूरी हो
जाए जीवन
की आसप्यास
मिले सबको
सबका साथ
यही अर्थ
है मधुमास


(श्रीमती पूनम माथुर)



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नोट-ये सभी रचनाएँ अब 'पूनम वाणी'ब्लाग मे संगृहीत हैं वहाँ इन्हे देखा/पढ़ा जा सकता है। 
http://poonam-vani.blogspot.in/ 


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