December 20, 2011राकेश कुमार सिंह- Sir aap mere link me chat me sho nahi ho rahe hai, mai aase bat karna chahta hoo
February 27राकेश कुमार सिंह
February 27Vijai Mathur- राकेश जी नमस्ते ,दिया हुआ लिंक जून के लेख का है उस संबंध मे आप क्या चाहते हैं?
- High court ne PIL file karne ke anumati/choot prdan ke hai.
- hum ab kya kare yah choot 3sri writ me mily hai
- क्या चाहते हैं?--aapke rai
- kripya Facts back link etc read karne ke kripa kare.
February 27Vijai Mathur- राकेश जी कानूनी सलाह तो कोई वकील ही दे सकेंगे।
December 20, 2011राकेश कुमार सिंह- Sir aap mere link me chat me sho nahi ho rahe hai, mai aase bat karna chahta hoo
February 27राकेश कुमार सिंह
February 27Vijai Mathur- राकेश जी नमस्ते ,दिया हुआ लिंक जून के लेख का है उस संबंध मे आप क्या चाहते हैं?
- High court ne PIL file karne ke anumati/choot prdan ke hai.
- hum ab kya kare yah choot 3sri writ me mily hai
- क्या चाहते हैं?--aapke rai
- kripya Facts back link etc read karne ke kripa kare.
February 27Vijai Mathur- राकेश जी कानूनी सलाह तो कोई वकील ही दे सकेंगे।
यह लेख एक मजबूरी का सौदा है। एक फेसबुकर साहब ने एक ऐसे विषय पर मुझ से कानूनी राय मांगी जिसका मै जानकार तक नहीं हूँ। वह लगातार ढोंग-पाखंड बढ़ाने की बातें लिखते रहते हैं परंतु मै जान-बूझ कर कोई टिप्पणी नाही करता था। क्योंकि अभी हाल ही मे उन्होने मुझसे असम्बद्ध विषय मे मुझे घसीटने का प्रयास किया और उन्होने खुद ही फेसबुक फ्रेंडशिप के लिए कहा था जिसे साधारण तौर पर मैंने स्वीकार कर लिया था। परंतु उनके द्वारा अनावश्यक रूप से 'लेखक और पत्रकार' होने के नाम पर एक ऐसे विषय मे घसीटने से संदेह होता है कि किनही निहित स्वार्थ वालो के उकसावे पर उन्होने ऐसा किया होगा। अतः कुछ लिंक्स का उल्लेख इस पोस्ट मे करते हुये इसका लिंक उनकी ख़्वाहिश के मुताबिक दे रहा हूँ।
उन्हे मेरे द्वारा व्यक्त विचारो से असहमत होने तथा विरोध करने का पूरा पूरा अधिकार है। परंतु यदि केवल टकराव हेतु आलोचना करते हैं जैसे कि लूट के बटवारे के जीजा-साले के झगड़े की तुलना उन्होने क्रांतिकारियो और स्वतन्त्रता सेनानियो से कर दी है तो मेरे पास एकमात्र विकल्प उनकी फ्रेंडशिप को ब्लाक करना ही बचेगा।
No comments:
Post a Comment
इस ब्लॉग पर प्रस्तुत आलेख लोगों की सहमति -असहमति पर निर्भर नहीं हैं -यहाँ ढोंग -पाखण्ड का प्रबल विरोध और उनका यथा शीघ्र उन्मूलन करने की अपेक्षा की जाती है.फिर भी तर्कसंगत असहमति एवं स्वस्थ आलोचना का स्वागत है.किन्तु कुतर्कपूर्ण,विवादास्पद तथा ढोंग-पाखण्ड पर आधारित टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं किया जाएगा;इसी कारण सखेद माडरेशन लागू है.