हाल ही में मथुरा में बाबा जयगुरूदेव का निधन हुआ है। ये स्वभाव से संत थे। इनके गुरू घूरेलाल मल्लाह थे। मेरे मथुरा स्थित घर में घूरेलाल का बराबर आना जाना था। मथुरा में हमारे घाट हैं 3 पैतृक।उनमें से एक घाट पर घूरे अपनी नाव लगाता था और सवारियां उठाता था। यमुना के उस पार वह झोंपड़ी बनाकर रहता था और वहीं पर बाबा जयगुरूदेव आरंभ में उनके पास ही रहते थे। बाबा जयगुरूदेव के पास आरंभ में कोई संपत्ति नहीं थी। लेकिन उनके मरने के बाद आज दैनिक भास्कर ने छापा है कि बाबा बेशुमार संपत्ति छोड़कर मरे हैं। लिखा है-
"ब्रह्मलीन हुए बाबा जय गुरुदेव की संपत्ति का हिसाब-किताब लगाया जा रहा है तो आंखें चौंधिया जा रही हैं। शुरुआती आकलन के मुताबिक बाबा 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का साम्राज्य छोड़ गए हैं। बाबा टाट के वस्त्र धारण करने की नसीहत देते थे, लेकिन उनकी संपत्ति से ठाठ का अंदाज लगाया जा सकता है। और अब यह संपत्ति उत्तराधिकार विवाद को गहरा सकती है।
संपत्ति में क्या-क्या बाबा के ट्रस्ट के मथुरा में आधा दर्जन से ज्यादा बैंक शाखाओं में खाते और एफडीहैं। एसबीआइ मंडी समिति ब्रांच के चालू खाते में एक अरब रुपए जमा बताए जाते हैं। कई अरब रुपए की एफडी भी हैं। अचल संपत्ति में ज्यादातर मथुरा-दिल्ली हाईवे पर एक तरफ साधना केंद्र से जुड़ी जमीनें हैं, तो दूसरी तरफ बाबा का आश्रम है। तीन सौ बीघे जमीन पर एक आश्रम इटावा के पास खितौरा में बन रहा है। एक आकलन के मुताबिक बाबा के ट्रस्ट के पास चार हजार एकड़ से ज्यादा जमीन है। जय गुरुदेव के ट्रस्ट के नाम से मथुरा में स्कूल और पेट्रोल पंप भी हैं। बाबा के आश्रम में दुनिया की सबसे महंगी गाड़ियों का लंबा काफिलाहै। इसमें पांच करोड़ से ज्यादा कीमत की लिमोजिन गाड़ी भी है। करोड़ों की प्लेमाउथ, ओल्ड स्कोडा, मर्सडीज बेंज और बीएमडब्ल्यू सहित तमाम गाडियों की कीमत 150 करोड़ के आसपास आंकी जा रही है।
दान से आय: आश्रम को हर महीने दस-बारह लाख रुपये का दान मिलता है। इसमें पूर्णिमा, गुरू पूर्णिमा और होली के आयोजनों पर आने वाला दान शामिल नहीं है। "
"ब्रह्मलीन हुए बाबा जय गुरुदेव की संपत्ति का हिसाब-किताब लगाया जा रहा है तो आंखें चौंधिया जा रही हैं। शुरुआती आकलन के मुताबिक बाबा 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का साम्राज्य छोड़ गए हैं। बाबा टाट के वस्त्र धारण करने की नसीहत देते थे, लेकिन उनकी संपत्ति से ठाठ का अंदाज लगाया जा सकता है। और अब यह संपत्ति उत्तराधिकार विवाद को गहरा सकती है।
संपत्ति में क्या-क्या बाबा के ट्रस्ट के मथुरा में आधा दर्जन से ज्यादा बैंक शाखाओं में खाते और एफडीहैं। एसबीआइ मंडी समिति ब्रांच के चालू खाते में एक अरब रुपए जमा बताए जाते हैं। कई अरब रुपए की एफडी भी हैं। अचल संपत्ति में ज्यादातर मथुरा-दिल्ली हाईवे पर एक तरफ साधना केंद्र से जुड़ी जमीनें हैं, तो दूसरी तरफ बाबा का आश्रम है। तीन सौ बीघे जमीन पर एक आश्रम इटावा के पास खितौरा में बन रहा है। एक आकलन के मुताबिक बाबा के ट्रस्ट के पास चार हजार एकड़ से ज्यादा जमीन है। जय गुरुदेव के ट्रस्ट के नाम से मथुरा में स्कूल और पेट्रोल पंप भी हैं। बाबा के आश्रम में दुनिया की सबसे महंगी गाड़ियों का लंबा काफिलाहै। इसमें पांच करोड़ से ज्यादा कीमत की लिमोजिन गाड़ी भी है। करोड़ों की प्लेमाउथ, ओल्ड स्कोडा, मर्सडीज बेंज और बीएमडब्ल्यू सहित तमाम गाडियों की कीमत 150 करोड़ के आसपास आंकी जा रही है।
दान से आय: आश्रम को हर महीने दस-बारह लाख रुपये का दान मिलता है। इसमें पूर्णिमा, गुरू पूर्णिमा और होली के आयोजनों पर आने वाला दान शामिल नहीं है। "
यह है बुधवार की खबर ।
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति चर्चा मंच पर ।।
आइये-
सादर ।।
समस्या यही है जनता के हालातों का उत्तरदायित्व तो कोई लेना ही नहीं चाहता .....जन साधारण को जागरूक होना होगा....
ReplyDeleteजनता गूंगी हो गई, है संसद भी मौन
ReplyDeleteअंधी है सरकार भी, देखन वाला कौन,,,,
RECENT POST...: दोहे,,,,
जनता की है दुर्दशा, जन-जीवन बेहाल।
ReplyDeleteकूड़ा-कर्कट बीनते,भारत माँ के लाल।।
तथाकथित धर्म/अध्यात्म और ज़मीनी सच्चाई का संघर्ष बहुत पुराना है. शिक्षा के साथ जागरूकता आएगी तब बात बनेगी.
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