Friday, October 19, 2012

ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं ?

पुराने अखबारों का अवलोकन करते समय सुश्री ममता बनर्जी की यह जन्मपत्री दिखाई दे गई जिसमे सन 2002 तक का उनका भविष्य लेखक ने अपनी थ्यौरी से दिया था। उसके सही-गलत होने की विवेचना मैं नहीं कर रहा हूँ। मैंने विगत विधानसभा चुनावों से पूर्व अपने एक लेख द्वारा ममता जी की कटु राजनीतिक आलोचना भी की थी और पश्चिम बंगाल की जनता से आह्वान भी किया था कि वह ममता जी को सत्तारूढ़ न होने दे। परंतु ममता जी मुख्यमंत्री बनी और बड़ी शान से बनीं। इसलिए भी कौतूहल था उनका भविष्य जानने का और इसलिए भी कि दार्जिलिंग ज़िले के सिलीगुड़ी मे 8वी कक्षा से 10वी बोर्ड की परीक्षा पास करने तक रहने के कारण बंगाल की राजनीति मे दिलचस्पी सदा ही रही है। वहाँ से 10-15 किलोमीटर दूर ही है नक्सल बाड़ी जहां 1967 मे 'नक्सल बाड़ी से नल बाड़ी तक' आंदोलन हमारे रहते ही शुरू हुआ था। इस आंदोलन का सम्पूर्ण लाभ राजस्थान के मारवाड़ियों को हुआ था जिनको इंश्योरेंस क्लेम नुकसान से कहीं बहुत ज़्यादा मिला था। अपनी राजनीतिक विचारधारा के आधार पर आज भी मैं ममता जी का समर्थक नहीं हूँ,परंतु उनके ग्रह-नक्षत्र जो बोल रहे हैं उनको झुठलाया भी तो नहीं जा सकता। misuse of knowledge भी मैं नहीं कर सकता। अतः ममता जी की कुंडली का वैज्ञानिक निष्पक्ष  विश्लेषण प्रस्तुत करने मे कोई पूर्वाग्रह(IBN7 के प्रतिनिधि ब्लागर एवं उनकी  सहयोगी पूना प्रवासी ब्लागर की भांति जो ज्योतिष को मीठा जहर कहते हैं ) भी नहीं है। 

ममता जी की प्रस्तुत जन्मपत्री के अनुसार उनका जन्म लग्न-मकर है और---

द्वितीय भाव मे कुम्भ का 'मंगल'

पंचम भाव मे वृष का 'चंद्रमा'

षष्ठम भाव मे मिथुन का 'केतू'

सप्तम भाव मे कर्क का 'ब्रहस्पति'

दशम भाव मे तुला का 'शनि'

एकादश भाव मे वृश्चिक का 'शुक्र'

द्वादश भाव मे धनु के 'सूर्य','बुध' और 'राहू'

अखबारी विश्लेषण से अलग मेरा विश्लेषण यह है कि जन्म के बाद ममता जी की 'चंद्र महादशा' 07 वर्ष 08 आठ माह एवं 07 दिन शेष बची थी। इसके अनुसार 03 जूलाई 2010 से वह 'शनि'महादशांतर्गत 'शुक्र' की अंतर्दशा मे 03 सितंबर 2013 तक चलेंगी। यह उनका श्रेष्ठत्तम समय है। इसी मे वह मुख्य मंत्री बनी हैं। 34 वर्ष के मजबूत बामपंथी शासन को उखाड़ने मे वह सफल रही हैं तो यह उनके अपने ग्रह-नक्षत्रों का ही स्पष्ट प्रभाव है। 

इसके बाद पुनः 'सूर्य' की शनि मे  अंतर्दशा 15 अगस्त 2014 तक  उनके लिए अनुकूल रहने वाली है और लोकसभा के चुनाव इसी अवधि के  मध्य होंगे। केंद्र (दशम भाव मे )'शनि' उनको 'शश योग' प्रदान कर रहा है   
जो 'राज योग' है।

ममता जी को समयानुकूल सही बात कहने व उठाने का विलक्षण लाभ भी   उनके ग्रह प्रदान कर रहे हैं और इसी लिए FDI को मुद्दा बना कर उन्होने 'संप्रग-2' से अलगाव कर लिया है। उससे पूर्व राष्ट्रपति चुनावों के दौरान  प्रकट मे मुखर्जी साहब का विरोध करके उनको बामपंथियों के एक गुट -CPM का समर्थन दिला दिया फिर खुद भी उनका समर्थन कर दिया। मुखर्जी साहब ने मुलायम सिंह जी व ममता जी को वेंकट रमन साहब सरीखा आश्वासन दे रखा है जिसके अनुसार कांग्रेस का स्पष्ट बहुमत न आने पर वह 'तीसरे मोर्चे' को अवसर देंगे।देखें---


शनिवार, 28 जुलाई 2012


नए महामहिम ---केंद्र मे गैर कांग्रेस/भाजपा सरकार का रास्ता साफ

महामहिम प्रणब मुखर्जी साहब की शपथ कुंडली का विश्लेषण भी। 

http://krantiswar.blogspot.in/2012/07/blog-post_28.html 




ममता जी की कुंडली मे 'बुध-आदित्य'योग भी है वह भी 'राज योग' है। षष्ठम भाव का 'केतू' उनके शत्रुओं का संहार करने मे सक्षम है। सप्तम मे उच्च के 'ब्रहस्पति' ने जहां उनको अविवाहित रखा वहीं वह उनकी लग्न को पूर्ण दृष्टि से देखने के कारण 'बुद्धि चातुर्य'प्रदान करते हुये सफलता कारक है। जहां दशम मे उच्च का शनि उनको राजनीति मे सफलता प्रदान कर रहा है वहीं यही शनि पूर्ण दृष्टि से उनके सुख भाव को देखने के कारण सुख मे क्षीणता प्रदान कर रहा है। द्वितीय भाव मे शनि क्षेत्रीय 'मंगल' होने के कारण ही उनकी बात का प्रभाव उनके विरोधियों के लिए 'आग' का काम करता है जबकि यही जनता को उनके पक्ष मे खड़ा कर देता है। 

ममता जी की जन्म कुंडली के मुताबिक उनको निम्न-लिखित पदार्थों का 'दान भूल कर भी नहीं' करना चाहिए। इंनका दान करने पर उनको हानि व पीड़ा ही मिलेगी --

1-  चांदी,मोती,चावल,दही,दूध,घी,शंख,मिश्री,चीनी,कपूर,बांस की बनी चीजें जैसे टोकरी-टोकरा,सफ़ेद स्फटिक,सफ़ेद चन्दन,सफ़ेद वस्त्र,सफ़ेद फूल,मछली आदि।
2-सोना,पुखराज,शहद,चीनी,घी,हल्दी,चने की दाल,धार्मिक पुस्तकें,केसर,नमक,पीला चावल,पीतल और इससे बने बर्तन,पीले वस्त्र,पीले फूल,मोहर-पीतल की,भूमि,छाता आदि। कूवारी कन्याओं को भोजन न कराएं और वृद्ध-जन की सेवा न करें (जिनसे कोई रक्त संबंध न हो उनकी )।किसी भी मंदिर मे और मंदिर के पुजारी को दान नहीं देना चाहिए।



3-सोना,नीलम,उड़द,तिल,सभी प्रकार के तेल विशेष रूप से सरसों का तेल,भैंस,लोहा और स्टील तथा इनसे बने पदार्थ,चमड़ा और इनसे बने पदार्थ जैसे पर्स,चप्पल-जूते,बेल्ट,काली गाय,कुलथी, कंबल,अंडा,मांस,शराब आदि।

अगले माह ममता जी यू पी मे अपनी रैली करने जा रही हैं और संभावना है कि वह इंदिराजी जैसा आक्रामक रुख अख़्तियार करके जनता को (खास कर जो पहले कांग्रेस समर्थक रही है)  अपने पक्ष मे मोड ले जाएंगी इसका भी लाभ तीसरे मोर्चे को ही मिलेगा क्योंकि मंहगाई से त्रस्त जो जनता कांग्रेस छोड़ कर भाजपा की ओर मुड़ती उसे ममता जी अपने साथ कर लेंगी। चुनाव बाद तीसरे मोर्चे की सरकार बनने की दशा मे मुलायम सिंह जी व ममता जी मे जिनके ग्रह-नक्षत्र प्रबल होंगे वही अगले प्रधानमंत्री होंगे। फिलहाल ममता जी की कुंडली मे राज योग और उनके अनुकूल समय को देखते हुये उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। ज्योतिष को मीठा जहर बताने वाले IBN7 के कार्पोरेटी दलाल अवश्य ही ममता जी को पी एम बनने से रोकने की गंभीर साजिश करेंगे ,अब देखना है कि वे अपने मीठे जहर का प्रयोग कितना और कैसे करते हैं?

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