Friday, June 21, 2013

"कौन गिराए बम बच्चों पर ?कौन उजाड़े उनके घर ?? "- 'आन्या' --- प्रस्तुति : विजय राजबली माथुर

 प्रेरक एवं सम्मानीय बालिका-आन्या


यह हैं कु.आन्या (अंशु )सुपुत्री श्री प्रांशु मिश्रा। आन्या अभी चार वर्ष पूर्ण कर पांचवें वर्ष में चल रही हैं और 'ला मार्टीनियर कालेज' की 'प्रीपेटरी' कक्षा की छात्रा हैं। आन्या के दादाजी कामरेड अशोक मिश्रा जी  भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में राष्ट्रीय -स्तर के जाने-माने वरिष्ठ नेता हैं और उत्तर प्रदेश भाकपा के राज्य सचिव भी रह चुके हैं। आन्या की दादी जी   कामरेड आशा मिश्रा जी भी पार्टी की राष्ट्रीय -स्तर की नेत्री हैं जो 'महिला फेडरेशन', उत्तर प्रदेश की महासचिव भी हैं।

'अमर उजाला' सिटी परिशिष्ठ ,लखनऊ-5 जून,2013


 उपरोक्त चित्र में अग्रिम पंक्ति में बाएँ से दूसरे बैठी हुई  आन्या की दादी जी 4 जून को सम्पन्न 'महिला उत्पीड़न विरोधी' धरने का नेतृत्व कर रही हैं और आन्या पीछे खड़ी हुई हैं। यह घरेलू माहौल का ही असर है कि नन्ही बालिका आन्या अपनी दादी जी के साथ-साथ महिलाओं के आंदोलनों में भाग लेती हैं। सबसे ऊपर चित्र में 'आन्या'धरने  को संबोधित करते हुये एक क्रांतिकारी गीत का पाठ कर रही हैं। कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार हैं : 

"कौन गिराए बम बच्चों पर  ?
कौन उजाड़े     उनके     घर   ?  
चलो पकड़ कर    लाएँ  उनको। 
मुर्गा अभी हम बनाएँ  उनको। । " 

हमारा सम्पूर्ण परिवार इस नन्ही बालिका के प्रति नत-मस्तक है। हम लोग आन्या की सर्वांगीण सफलता  एवं स्वस्थ-दीर्घायुष्य की मंगल - कामना करते हैं।

हमारे दृष्टिकोण से आन्या का व्यक्तित्व प्रेरक व सम्मान के योग्य है अन्य दूसरे  बच्चों को भी उनके अभिभावक यदि प्रेरित करें तो वे भी आन्या की भांति अपने सामाजिक दायित्वों के निर्वहन हेतु आगे आ सकते हैं। इस बच्ची के जज़्बे को देखते हुये बच्चों की क्षमता का आंकलन करता हुआ यह गीत याद आ गया।



3 comments:

  1. अनिया, उसकी कविता और उसका जज्बा सब मनमोहक हैं .

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर.सच कोमल भावो की अभिवयक्ति .

    ReplyDelete

इस ब्लॉग पर प्रस्तुत आलेख लोगों की सहमति -असहमति पर निर्भर नहीं हैं -यहाँ ढोंग -पाखण्ड का प्रबल विरोध और उनका यथा शीघ्र उन्मूलन करने की अपेक्षा की जाती है.फिर भी तर्कसंगत असहमति एवं स्वस्थ आलोचना का स्वागत है.किन्तु कुतर्कपूर्ण,विवादास्पद तथा ढोंग-पाखण्ड पर आधारित टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं किया जाएगा;इसी कारण सखेद माडरेशन लागू है.