Monday, May 12, 2014

कौन बनेगा प्रधानमंत्री ?---विजय राजबली माथुर

प्रायोजित भविष्यवाणी जो निश्चय ही गलत साबित होगी :


  हिंदुस्तान-लखनऊ-03/04/2014 के इस स्कैन को पढ़ने हेतु डबल क्लिक करें। 

इस प्रकार के प्रायोजित भविष्यवाणियों का कोई वैज्ञानिक आधार न होकर धनदाता की संतुष्टि मात्र होता है। 2004 के चुनावों में राजग गठबंधन के परास्त होने के बाद 'बाबाजी' नामक पत्रिका ने 15 दिनों के भीतर पुनः बाजपेयी साहब के पी एम बनने की भविष्यवाणी कर दी थी और खुद बाजपेयी साहब पत्रिका संचालक से मिलने पहुँच गए थे लेकिन क्या हुआ?
उपरोक्त मामले में लखनऊ से केवल राजनाथ सिंह व उनके छिपे हुये सहयोगी अभिषेक मिश्रा जी का ज़िक्र हुआ है बाकी उम्मीदवारों का कोई उल्लेख नहीं है। वाराणासी में मोदी की सफलता का कसीदा काढ़ा गया है जबकि वह पश्चिम क्षेत्र से आते हैं। उनके हितैषी मुलायम सिंह जी का ज़िक्र है जो पश्चिम उत्तर प्रदेश के हैं। इस श्रंखला  में सुश्री ममता बनर्जी का कोई ज़िक्र नहीं है जो कि वस्तुतः पूर्व-क्षेत्र की वास्तविक प्रतिनिधि हैं।




11-04-2014 को दिया गया मेरा विश्लेषण:
Lucknow ·:08-22pm
नरेंद्र मोदी की राजनीति व उनके शुभ समय की जोरदार चर्चाये चल रही हैं । NBT द्वारा एक वर्ष पूर्व प्रकाशित उनकी जन्म कुंडली के अनुसार वह 64वें वर्ष में चल रहे हैं अर्थात अपनी कुंडली के चौथे भाव में जहां 'गुरु' अपनी शत्रु राशि में स्थित है। 'गुरु' का गुण यह भी है कि जहां जिस भाव में बैठता है उसे 'नष्ट' करता है। उनके साथ ऐसा ही रहा भी है विवाहित होकर भी 'विधुर' जैसा जीवन इसी 'गुरु' की कृपा रही है। अब पत्नी की घोषणा करके भी सुखों पर हमलों को उन्होने आमंत्रित कर लिया है। जन्म लग्न में भी परस्पर शत्रु 'चंद्र'-'मंगल' स्थित हैं। ये सम्मिलित रूप से उनके मस्तिष्क को प्रभावित कर रहे हैं जैसा कि उनकी कार्य प्रणाली व वक्तव्यों से सिद्ध होता है। लग्न का चंद्र मस्तिष्क को व्यथित रखता है।
महादशा-अंतर्दशा उनको 'आर्थिक' लाभ पहुंचाने वाली है इसी लिए कारपोरेट घरानों ने उनके लिए लूट की पूंजी के पिटारे खोल दिये हैं। लेकिन उनके 'कर्म' भाव में बैठ कर 'शनि' उनके कर्मफल को नष्ट कर रहा है। संकेत साफ हैं। वह केवल मोहरा ही रहने वाले हैं सफलता उनसे कोसों दूर रहने वाली है।

https://www.facebook.com/vijai.mathur/posts/671115686283744

इसकी पुष्टि मेरठ के ज्योतिषी साहब के विश्लेषण से भी होती है :




 बहुत पहले मैंने यह विश्लेषण दिया था जिसे 23 फरवरी 2014 को दोबारा ब्लाग पर प्रकाशित किया था एक नज़र उसका भी अवलोकन कर लें :
"अखबारी विश्लेषण से अलग मेरा विश्लेषण यह है कि जन्म के बाद ममता जी की 'चंद्र महादशा' 07 वर्ष 08 आठ माह एवं 07 दिन शेष बची थी। इसके अनुसार 03 जूलाई 2010 से वह 'शनि'महादशांतर्गत 'शुक्र' की अंतर्दशा मे 03 सितंबर 2013 तक चलेंगी। यह उनका श्रेष्ठत्तम समय है। इसी मे वह मुख्य मंत्री बनी हैं। 34 वर्ष के मजबूत बामपंथी शासन को उखाड़ने मे वह सफल रही हैं तो यह उनके अपने ग्रह-नक्षत्रों का ही स्पष्ट प्रभाव है।
इसके बाद पुनः 'सूर्य' की शनि मे अंतर्दशा 15 अगस्त 2014 तक उनके लिए अनुकूल रहने वाली है और लोकसभा के चुनाव इसी अवधि के मध्य होंगे। केंद्र (दशम भाव मे )'शनि' उनको 'शश योग' प्रदान कर रहा है जो 'राज योग'ही है।
27 नवंबर 2012 को स्थगित रैली 16 फरवरी 2014 को लखनऊ में  आयोजित करवाकर ममता जी ने संकेत दे दिया है कि यदि मुलायम सिंह प्रकाश करात के फेर में फंसे रहे तो वह  उनके  सहयोग के बगैर ही फेडरल फ्रंट की दिशा में बढ़ सकती हैं।यदि उत्तर-प्रदेश में ममता जी ने मायावती जी से तालमेल बैठा लिया तो यहाँ भी उनको काफी मजबूती मिल जाएगी।  सी पी एम में भाजपा के भगौड़ों को शामिल किए जाने से उसके भविष्य की दिशा का खुलासा हो चुका है। इस सूरत में ममता बनर्जी के तर्क जनता को आसानी से ग्राह्य हो सकते हैं। सी पी एम की शुतुरमुरगी चालें वामपंथ को जोरदार झटका दे सकती हैं। तब 'पाछे पछताए होत क्या? जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत' । अभी भी बहुत समय है कि सी पी एम को छोड़ कर समस्त वामपंथ एकजुट होकर  ममता बनर्जी के नेतृत्व में भाजपा/कांग्रेस/आ आ पा  को संयुक्त रूप से चुनावों में परास्त कर सकता है। 

 ~विजय राजबली माथुर ©
 इस पोस्ट को यहाँ भी पढ़ा जा सकता है।

2 comments:

  1. माहौल देखकर नहीं लगता की मोदी के सितारे गर्दिश में है .. भाजपा के अलावा दूसरी पार्टी नज़र नहीं आ रही है ..
    ..देखते है ४ दिन की ही तो बात है तस्वीर साफ़ हो जायेगी

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  2. Ram Pratap Tripathi Vijay ji is bar janata buri tarah haar gayi...........hum apni jimmedari nahi nibha paye .........
    Aur aisa hi raha to janta hamari andekhi karke naya rasta khojegi jise jais hamari aadat hai bum arajakta kahenge
    Yesterday at 5:43am ·

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