कायस्थसभा, आगरा से सम्बद्ध डॉ (रिटायर्ड मेजर) पी के अस्थाना साहब ने एक बार ज़िक्र किया था कि, आजकल डाक्टर्स अपने निजी आर्थिक हित के लिए बहुत जल्दी 'सीजेरियन' का सुझाव देते हैं लेकिन इससे प्रसूता के स्वस्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है और नवजात शिशु पर भी। इसके अतिरिक्त यह प्रकृति की व्यवस्था के विपरीत भी है। उनके अनुसार केवल गर्भवती अथवा गर्भस्थ शिशु की जीवन रक्षा के लिए ही 'सीजेरियन' किया जाना चाहिए। अपने संपर्क में आने वाली महिलाओं को प्राकृतिक प्रसव हेतु मनोवैज्ञानिक तौर पर डॉ अस्थाना तैयार कर देते थे जो सीजेरियन के प्रकोप से बच जाती थीं।
प्रस्तुत समाचार में क्षेत्रवार सीजेरियन आप्रेशंस के आंकड़े दिये गए हैं। श्रीमती सुबरना घोष ने एक अच्छी मुहिम चला कर महिलाओं को शोषण से बचाने का गंभीर प्रयास किया है। जनहित में इस मुहिम को सहयोग व समर्थन देना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
http://email.change.org/mpss/c/-AA/3CE/t.251/JYqpePEDQz2dU4_SDZHZ3A/h2/KLcqj6mm2DNwtPZFTP391rOhYbchmfcueLOFKHbh7afC3ks06WwMB-2BCSl5dXx3b2PHsNOUvLkgAA9iUXeK1iyE9HJLldtlTXWANC-2BD-2BCq9V1HV9XPt1tZD6ZsRYKfnDejQeS795Zzr8Cix9AbI8FGs8xvFnbbQdz09tvDM3ouYdl-2B0Kno-2FkjgQyOvnLyGi56TB16gEGGkIO63omal7DosQnKrEr7iMiTFWCvtmk0JNKHjrqzRDSVmZRiTA51k7T-2FaA29nmX3-2FkMHIAKBEtt66hzWIuHYycwfPfXdWQjwT0NigMDhdO51TtYeb4BeceQef79b-2BopkNqQLlpZ0nUBR-2BQ-3D-3D
~विजय राजबली माथुर ©
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (26-02-2017) को
ReplyDelete"गधों का गधा संसार" (चर्चा अंक-2598)
पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक