सात वर्ष पूर्व आज ही के दिन इस 'क्रांतिस्वर ' ब्लाग को प्रारम्भ किया था। 1973 में पहली बार आगरा और मेरठ के स्थानीय अखबारों में मेरे लेख प्रकाशित हुये थे तब से जब तब अखबारों में लेख छपते रहे हैं। आगरा के 'सप्तदिवा ' साप्ताहिक से पहले सहायक फिर उप संपादक के रूप में भी सम्बद्ध रहा । आगरा के ही त्रैमासिक 'अग्रमंत्र ' से भी उप संपादक के रूप में सम्बद्ध रहा। आगरा के ही एक साप्ताहिक 'ब्रह्मपुत्र समाचार ' से भी एक लेखक के तौर पर सम्बद्ध रहा हूँ। आगरा में ही कायस्थ सभा और माथुर सभा की मेगजीन्स में भी मेरे लेख स्थान पा सके हैं। लखनऊ आने पर भी एक स्थानीय साप्ताहिक अखबार में लेख छ्पे लेकिन 02 जून 2010 से यह ब्लाग प्रारम्भ होने पर अखबारों को लेख न भेज कर ब्लाग पोस्ट्स के माध्यम से लिखने लगा और अब 'विद्रोही स्व-स्वर में ', 'कलम और कुदाल ', 'साम्यवाद (COMMUNIST)', 'सर्वे भवन्तु सुखिना :','सुर संगीत ' ब्लाग्स में लेखन चलता रहता है।
'क्रांतिस्वर ' ब्लाग में इससे पूर्व 485 पोस्ट्स प्रकाशित हो चुकी हैं और अब तक 180327 विजिट्स हुई हैं । दूसरे विषयों पर दूसरे ब्लाग्स में लेखन के कारण इस ब्लाग पर लेखन अब कम हो रहा है। विचारों को लिखते रहना मेरा शौक है इसलिए लेखन चल रहा है। सबके सहयोग के लिए सबको धन्यवाद।
~विजय राजबली माथुर ©
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