Tuesday, January 25, 2022

बीजू पटनायक ----- गौरव पुंडीर

 





इंदिरा गाँधी को बोला था कि 
'मैं तुम्हें कटक की गलियों में नचवा सकता हूँ..'
भारत के एकमात्र ऐसे व्यक्ति बीजू पटनायक है जिनके निधन पर उनके पार्थिव शरीर को 3 देशों के राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा गया था भारत रूस और इंडोनेशिया.
बीजू पटनायक पायलट थे और जब द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सोवियत संघ संकट में गिर गया था तब उन्होंने लड़ाकू विमान डकोटा उड़ा कर हिटलर की सेनाओं पर काफी बमबारी की थी जिससे हिटलर पीछे हटने को मजबूर हो गया था 
उनकी इस बहादुरी पर उन्हें सोवियत संघ का सर्वोच्च पुरस्कार भी दिया गया था और उन्हें सोवियत संघ ने अपनी नागरिकता प्रदान की थी।
कश्मीर पर जब कवालियों ने आक्रमण किया था तब बीजू पटनायक थे जो प्लेन उड़ा कर दिन में कई चक्कर दिल्ली से श्रीनगर का लगाए थे और सैनिकों को श्रीनगर पहुँचाए थे।
इंडोनेशिया कभी डच यानी हालैंड का उपनिवेश था और डच ने इंडोनेशिया के काफी बड़े इलाके पर कब्जा किया था और इंडोनेशिया के आसपास के सारे समुद्र को डच कंट्रोल करते थे और वह किसी भी इंडोनेशियन नागरिक को बाहर नहीं जाने देते थे।
उस वक्त इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री सजाहरीर को एक कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए भारत आना था लेकिन डच ने इसकी इजाजत नहीं दिया।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो ने भारत से मदद माँगी और इंडोनेशिया के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने बीजू पटनायक से मदद माँगी। बीजू पटनायक और उनकी पत्नी ने अपनी जान की परवाह किए बगैर एक डकोटा प्लेन लेकर डच के कंट्रोल एरिया के ऊपर से उड़ान भरते हुए उतरे और बेहद बहादुरी का परिचय देकर इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री को सिंगापुर होते हुए सुरक्षित भारत लाया। 
इससे इंडोनेशिया के लोगों में एक असीम ऊर्जा का संचार हुआ और उन्होंने डच सैनिकों पर धावा बोला और इंडोनेशिया एक पूर्ण  आजाद देश बना।
बाद में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी हुई तब उन्होंने उसका नामकरण करने के लिए बीजू पटनायक और उनकी पत्नी को बुलाया था और बीजू पटनायक और उनकी पत्नी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की बेटी का नाम  मेघवती रखा था। 
इंडोनेशिया ने बीजू पटनायक और उनकी पत्नी को अपने देश की आनरेरी  नागरिकता दिया था।
बीजू पटनायक के निधन के बाद इंडोनेशिया में 7 दिनों का राजकीय शोक मनाया गया था और रूस में 1दिन के लिए मनाया गया था सारे झंडे झुका दिए गए थे।
इंदिरा गाँधी कभी भी बीजू पटनायक की इज्जत नहीं करती थी जबकि इंदिरा गाँधी को यह पता था कि बीजू पटनायक की इज्जत नेहरू कितनी करते थे। बीजू पटनायक को परेशान करने के लिए इंदिरा गाँधी ने पूरी ताकत लगा दी थी और तब बीजू पटनायक ने कहा था कि 
'मैं तुम्हें कटक की गलियों में नचवा सकता हूँ।'
गौरव पुंडीर






 ~विजय राजबली माथुर ©

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