कुमुद सिंह
12-10-2022
लोकतंत्र में नेता से पहले कारोबारी जनता का मूड भांप लेते हैं.. हाल ही में प्रकाशित एक पॉलिसीसेटर अमेरिकी पत्रिका में राहुल गांधी को लेकर रपट छपी है. रपट के अनुसार राहुल गांधी एक बड़ी राजनीतिक ताकत बन कर उभरनेवाले हैं, जो भारत की आगामी सरकार के गठन में महत्वपूर्ण रोल अदा करेंगे. रपट में विदेशी राजनयिकों और खास तौर पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय को राहुल को पप्पू समझने की भूल न करने की सलाह दी है. रपट में यह भी कहा गया है कि भारतीय कारोबारी जगत अब राहुल और कांग्रेस को नजरअंदाज करने का जोखिम और नहीं उठाना चाहता है. वो गांधी परिवार से बेहतर संबंध बनाने के लिए अपने संपर्कों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. मुकेश अंबानी के बेटे ने कुछ माह पहले मुंबई में प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी. वैसे राहुल या सोनिया से उनकी सीधी मुलाकात की कोई सूचना नहीं है. इधर, राहुल से रिश्ते बेहतर करने के लिए गौतम अदानी भी लगातार प्रयास कर रहे हैं. क्योंकि राहुल और कांग्रेस को लेकर भारत में तेजी से माहौल बदला है और मोदी के बाद भाजपा में नेतृत्व को लेकर वो एकजुटता नहीं है, जो 2014 में दिखाई दे रही थी. ऐसे में बड़े कारोबारी अब संतुलन बनाने में जुट गये हैं. भूपेश और गलहोत के माध्यम से अदानी अपने रिश्ते कांग्रेस से बेहतर कर रहे हैं. इधर राहुल गांधी ने भी यात्रा के दौरान कारोबारी जगह को बेहतर रिश्ते के साफ संकेत दे दिया है. खास तौर पर अदानी को लेकर राहुल का बयान गौरतलब है. भारतीय मीडिया जो कहे, कम से कम विदेशी मीडिया तो यही कह रही है...
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