आज केवल कठोर कानून बनाने का शोर तो गूंज रहा है कहीं कोई कठोर 'आत्मानुशासन' लागू करने की चर्चा नहीं है। ये विचार स्वामी विवेकानंद के 'रामकृष्ण मिशन' द्वारा व्यक्त किए गए हैं जिनमे स्वामी दयानन्द के कठोर आत्मानुशासन की झलक मिलती है। आज ऐसे ही विचारों को अपनाने की आवश्यकता है जो समाज मे शांति-व्यवस्था स्थापित करने मे कारगर होंगे।
Danda Lakhnavi
हर नारी के स्वाभिमान और सम्मान की रक्षा के लिए .... हर जरूरी कदम अवश्य उठाए जाने चाहिए| मात्र भावावेश में कठोर क़ानून बना देने भर से कुछ लाभ होने से रहा .... यदि आम जनता का चारित्रिक स्तर ऊँचा नहीं है .... तो कठोर कानूनों दुरुपयोग भी खूब होता है ...
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