हालांकि यों तो मैं सन १९७३ ई.में मेरठ प्रवास के समय से ही विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अपने विचार लिखने लगा था और आगरा में तो एक साप्ताहिक पत्र तथा एक त्रैमासिक पत्रिका में सहायक संपादक भी रहा.ख्याल खुद अपने दो अखबार -'क्रन्तिस्वर' एवं 'विद्रोही स्व-स्वर में' निकालने का भी था. परन्तु अखबार निकालने के खर्च की कमी तथा उन्हें व्यापारिक स्तर पर चलाने की कला न ज्ञात होने के कारण वैसा न कर सका. गत वर्ष सन २०१० में ०२ जून से यह ब्लॉग प्रारम्भ किया जिसका एक वर्ष पूर्ण हो गया है और आज से दुसरे वर्ष में प्रवेश हुआ है.अपने एक वर्ष के ब्लॉग लेखन की स्व-समीक्षा में पाया कि चूंकि खोने को कुछ था ही नहीं सो आत्म-संतोष तो पाया ही पाया कुछ प्रशंसा और सम्मान भी प्राप्त हुआ .विद्वेष-प्रवृति के लोगों से व्यंग्य बाणों तथा कटाक्ष का सामना भी किया.इसी कारण जो स्तुतियाँ मैं सर्वजन के हित में सार्वजानिक करने वाला था नहीं किया ,जिन ब्लागर्स ने व्यक्तिगत रूप से स्तुतियों से लाभ उठाया उन्हीं ने सार्वजानिक प्रकाशन में बाधा उपस्थित की.किन्तु मेरे ऊपर किये गए कटाक्षों का जिन लोगों ने माकूल जवाब दिया उनमें सर्वश्री पवन मिश्रा,प्रवीण पांडे,दीबक बाबा के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं.
सबसे बड़ा लाभ जो हुआ वह यह है कि प्रारम्भिक टिप्पणीकारों के संकेत पर अन्य ब्लाग्स से परिचय हुआ जिनमें बहुत से बहुत अच्छी-अच्छी बातों के खजाना निकले.अच्छे ब्लागर्स से ई.मेल और कुछ से फोन पर भी संपर्क हुआ.'विद्रोही स्व-स्वर' पर कुछ ब्लागर्स की प्रशंसा की थी जिनमें से कुछ बाद में गडबडी कर गए ,कुछ को उनकी सहमति से ई.मेल द्वारा उनके भले हेतु कुछ स्तुतियाँ भी भेजीं जिनमे से आर.एस.एस.से सम्बंधित तीन ब्लागर्स बेहद प्रतिगामी और ईर्ष्यालू निकले जिनमें से एक ने तो हमारे ब्लाग पर प्रकाशित एक पोस्ट का तर्जुमा भी अपने हित में किया था.इन बातों को देखते हुए तारीफ़ करना और एहसान जताना खतरे से खाली तो नहीं लगता फिर भी जोखिम उठाना ही चाहिए.
'जंतर मंतर'के शेष नारायण सिंह जी से परिचय रवीश कुमार जी की समीक्षा पढ़ कर हुआ था उन्होंने बड़ी सहृदयता पूर्वक आर.एस.एस.सम्बंधित अपने विचारों को मुझे उद्धृत करने का अधिकार-'अनुमति ही अनुमति है' लिख कर ई.मेल द्वारा दिया था अतः उनका बेहद आभारी हूँ.रवीश जी की समीक्षा से ही श्री श्री राम तिवारी के ब्लाग से परिचित हुआ जिनके माध्यम से अमर नाथ मधुर जी और उनके माध्यम से निर्मल गुप्ता जी के ब्लाग्स तक पहुंचा एवं उनके ज्ञान से लाभान्वित हुआ.
मेरे ब्लॉग पर मेरी श्रीमती जी (पूनम माथुर) की भी कई रचनाएं जो पूर्व में अखबारों में भी छप चुकीं थीं प्रकाशित हुयी हैं जिनमें 'इंसान केन्ने........'को इ.सत्यम शिवम सा :ने चर्चा मंच पर भी स्थान दिया था,जो इसी ब्लाग पर ही भोजपुरी में प्रकाशित हुआ था.क्रन्तिस्वर के लिए पूनम के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता.
मुझे जिन ब्लागर्स की रचनाओं ने प्रभावित किया या जो मुझे पसंद रहें उनमें एक निष्पक्ष डा.टी.एस.दराल सा :हैं(उन्होंने वाई नेट कम्प्यूटर्स की वर्षगाँठ पर जो सद्भावनाएं व्यक्त कीं उनके लिए विशेष आभार).डा.डंडा लखनवी सा :की रचनाएं सदा ही प्रेरणादायी लगीं.उनसे व्यक्तिगत मुलाक़ात कराने वाले कुंवर कुसुमेश जी की रचनाएं और उनकी सदभावनाएँ सराहनीय हैं,उन्हीं के माध्यम से अलका सर्वत मिश्रा जी से भी परिचय हुआ जिनके ब्लॉग पर वर्णित औषाद्धियों का लाभ लेने हेतु अपने दो रिश्तेदारों को प्रेरित कर चुका हूँ.ये मुलाकातें कुसुमेश जी द्वारा मुम्बई से पधारे एस.एम्.मासूम साहब के सम्मान में की गयी चाय -पार्टी के दौरान हुईं. अलका जी ने २३ मई को 'आइ .पी.आर.'की बैठक में आमंत्रित करा कर सर्वत जमाल जी समेत और ब्लागर्स से भी परिचय करवाया.
'जंतर मंतर'के शेष नारायण सिंह जी से परिचय रवीश कुमार जी की समीक्षा पढ़ कर हुआ था उन्होंने बड़ी सहृदयता पूर्वक आर.एस.एस.सम्बंधित अपने विचारों को मुझे उद्धृत करने का अधिकार-'अनुमति ही अनुमति है' लिख कर ई.मेल द्वारा दिया था अतः उनका बेहद आभारी हूँ.रवीश जी की समीक्षा से ही श्री श्री राम तिवारी के ब्लाग से परिचित हुआ जिनके माध्यम से अमर नाथ मधुर जी और उनके माध्यम से निर्मल गुप्ता जी के ब्लाग्स तक पहुंचा एवं उनके ज्ञान से लाभान्वित हुआ.
शुरुआत में जिन ब्लागर्स का इससे पहले भी उल्लेख हो चुका है उनमें से वीणा श्रीवास्तव जी(वाई नेट की वर्षगांठ पर विशेष सद्भावनाएं व्यक्त करने हेतु विशेष आभार),अल्पना वर्मा जी.के.आर.जोशी सा :(Patali The Village ),डा.मोनिका शर्मा जी(मोनिका जी एवं जोशी जी ने भी भी २८ मई को उत्तम सद्भावनाएं व्यक्त कीं और उस हेतु उन्हें भी विशेष आभार) की रचनाएं आज भी प्रभावित करती हैं.डा.शरद सिंह जी द्वारा प्रदत्त ऐतिहासिक जानकारियाँ तथा मनोज कुमार जी द्वारा प्रदत्त विभिन्न विचार और गंभीर ज्ञान सदैव लाभकारी लगता है.जाकिर अली रजनीश सा : एवं कृति बाजपेयी जी भी कई अच्छी जानकारियाँ देते हैं जिनमें कुछ से मैं भी सहमत हूँ.इन्द्रनील भटचार जी भी बहुत ज्ञानवर्धक जानकारियाँ लिखते हैं तथा जी.एन शा साहब भी.
प्रमोद जोशी जी एवं राजेन्द्र तिवारी जी के ब्लॉग से भी महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलती हैं.प्रदीप तिवारी जी के ब्लॉग सूचनाओं और अमूल्य विचारों का खजाना हैं उनके माध्यम से ही रणधीर सिंह 'सुमन'जी के ब्लाग 'लोक संघर्ष ' से परिचय हुआ जो जन हित के मुद्दों को मजबूती से उठाता हैऔर ज्ञानार्जन में वृद्धि करता है .
सुमन जी ने ३१ मई २०११ को दोपहर दो बजे मुझे फोन पर सूचित किया की मैं रवीन्द्र प्रभात जी के कार्यालय में सायं ४ बजे पहुंचूं जहाँ बेलफास्ट से पधारे दीपक मशाल जी से भेंट करने का कार्यक्रम था. उनसे पूर्व ज़ाकिर सा :एवं रवीन्द्र जी यशवंत को फोन पर बता चुके थे.वहाँ रवीन्द्र जी,कुसुमेश जी,सुमन जी और पुष्पेन्द्र जी मिले फिर हम सब को रवीन्द्र जी गोमती नगर मशाल जी के ठहराव स्थल ले गए जहाँ प्रतिभा कटियार जी भी थीं.मुलाक़ात और चर्चा अच्छी रही.
हेमाभ , चैतन्य शर्मा,माधव, अनुष्का,चिन्मयी,पाखी आदि -बच्चों के ब्लाग भी मैं फालो करता हूँ उनके प्रयास अच्छे हैं एवं उनके तथा जिन बच्चों के ब्लाग मैं नियमित नहीं पढ़ पाता हूँ उनके भी उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ .
सुमन जी ने ३१ मई २०११ को दोपहर दो बजे मुझे फोन पर सूचित किया की मैं रवीन्द्र प्रभात जी के कार्यालय में सायं ४ बजे पहुंचूं जहाँ बेलफास्ट से पधारे दीपक मशाल जी से भेंट करने का कार्यक्रम था. उनसे पूर्व ज़ाकिर सा :एवं रवीन्द्र जी यशवंत को फोन पर बता चुके थे.वहाँ रवीन्द्र जी,कुसुमेश जी,सुमन जी और पुष्पेन्द्र जी मिले फिर हम सब को रवीन्द्र जी गोमती नगर मशाल जी के ठहराव स्थल ले गए जहाँ प्रतिभा कटियार जी भी थीं.मुलाक़ात और चर्चा अच्छी रही.
हेमाभ , चैतन्य शर्मा,माधव, अनुष्का,चिन्मयी,पाखी आदि -बच्चों के ब्लाग भी मैं फालो करता हूँ उनके प्रयास अच्छे हैं एवं उनके तथा जिन बच्चों के ब्लाग मैं नियमित नहीं पढ़ पाता हूँ उनके भी उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ .
मेरे ब्लॉग पर मेरी श्रीमती जी (पूनम माथुर) की भी कई रचनाएं जो पूर्व में अखबारों में भी छप चुकीं थीं प्रकाशित हुयी हैं जिनमें 'इंसान केन्ने........'को इ.सत्यम शिवम सा :ने चर्चा मंच पर भी स्थान दिया था,जो इसी ब्लाग पर ही भोजपुरी में प्रकाशित हुआ था.क्रन्तिस्वर के लिए पूनम के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता.
बहुत से ब्लागर्स मेरे आलेखों पर अनुकूल टिप्पणियाँ और सराहना कर गए हैं उन सभी का ह्रदय से आभारी हूँ और जिन्होंने प्रतिकूल टिप्पणियाँ की है उन्हें इसलिए धन्यवाद कि उनसे नए विचार देने का अवसर मिला.जिन्होंने मखौल उड़ाया और अनर्गल आलोचना की उनकी बुद्धी -शुद्धी की प्रार्थना करता हूँ.
मैं तो केवल आलेख टाइप करके छोड़ देता हूँ ,चित्र आदि लगाना ,सेटिंग करना सब यशवंत पर निर्भर है उसका और उसके वाई नेट कम्प्यूटर्स का भी आप सब से संपर्क करवाने में योगदान है.
मैं तो केवल आलेख टाइप करके छोड़ देता हूँ ,चित्र आदि लगाना ,सेटिंग करना सब यशवंत पर निर्भर है उसका और उसके वाई नेट कम्प्यूटर्स का भी आप सब से संपर्क करवाने में योगदान है.
यह ब्लाग 'स्वान्तः सुखाय -सर्वजन हिताय' प्रारंभ किया गया था और उसी नीति पर आगे भी चलता रहेगा तथा ढोंग एवं पाखण्ड का प्रबल विरोध करता रहेगा .हमारी यही मनोकामना और प्रयास है कि इस धरती पर मानव द्वारा मानव का शोषण अविलम्ब समाप्त हो और मानव जीवन को सुन्दर,सुखद एवं समृद्ध बनाने हेतु समता मूलक समाज की स्थापना शीघ्रातिशीघ्र हो.
माथुर जी, बहुत सारी बधाई के हकदार हैं आप अपने ब्लॉग के एक साल पूरे होने के अवसर पर ... इसी तरह लिखते रहिये ... आपके ब्लॉग से बहुत कुछ जानने को मिलते रहता है ... अनुभवी व्यक्तिओं को अपना अनुभव बांटते रहना चाहिए ... समाज का हित इसीमे है ..
ReplyDeleteबधाई हो
ReplyDeleteक्रांति के स्वर में हमारी आवाज को भी शामिल समझिये
बधाई और शुभकामनाये !
ReplyDeleteनमस्कार सर ,
ReplyDeleteसबसे पहले तो ब्लॉग का एक वर्ष पूरा होने की बहुत बहुत बधाई | ईश्वर से यही प्रार्थना रहेगी की आपका ब्लॉग आगे भी इस तरह के सैकड़ों जन्मदिन मनाये| आपके ब्लॉग पर दी गयी ज्योतिषीय जानकारियां अनुपम हैं | अतः आगे भी इस तरह की जानकारियों से हमारे ज्ञान में वृद्धि करते रहें | साथ ही अपनी इस विशिष्ट और अमूल्य पोस्ट में मुझे भी स्थान देने बहुत बहुत आभार | आगे भी अपना आशीर्वाद इसी तरह से बनाये रखें |
प्रणाम |
बधाइयाँ अनवरत लेखन जारी रहे...मेरे जिसे ब्यक्तियों को आप के अनुभवी लेखन के मार्गदर्शन आवश्यकता है...
ReplyDeleteआभार
Ye shama yun hi jalti rahe.
ReplyDelete............
प्यार की परिभाषा!
ब्लॉग समीक्षा का 17वां एपीसोड--
आपके ब्लॉग से बहुत कुछ जानने को मिलते रहता है|ब्लॉग के एक साल पूरे होने पर बहुत सारी बधाई|
ReplyDeleteविजय जी आपको ब्लॉग की वर्षगांठ का हर लम्हा मुबारक हो...आपके ब्लॉग से हमें भी एक बहुत अच्छा चिंतनशील लेखक मिला...तो हमें भी धन्यवाद देना चाहिए...आपके साथ पूनम जी का भी योगदान रहा है और आपके होनहार और संस्कारी बेटे का भी योगदान है उनको भी धन्यवाद और हां आपके सबसे बड़े हथियार वाई नेट कम्प्यूटर्स को कैसे भूल सकती हूं...वो भी दि दूनी-रात चौगुनी तरक्की करे यही कामना है...
ReplyDeleteएक बार फिर से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई...
सादर...
हार्दिक बधाई और शुभकामनायें...
ReplyDeleteमुबारक हो ब्लाग का जन्म दिन
ReplyDeleteपुनः बधाई एवं शुभकामनाएं.....
ReplyDeleteआपके ब्लॉग के एक वर्ष पूरा होने पर हार्दिक शुभकामनाएं...
ReplyDeleteयह यात्रा इसी तरह सतत जारी रहे यही कामना है.....
साथ ही आप यूं ही सदा ऊर्जावान रहें और सभी को इसी तरह ऊर्जा प्रदान करते रहें ....
पुनः शुभकामनाएं....
जिंदगी कि तरह ब्लोगिंग में भी बहुत से खट्टे मीठे अनुभव होते हैं । सभी से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है । सबसे अच्छी बात यह है कि यहाँ आप बहुत से नए लोगों से परिचित होते हैं जिनसे आप कभी रूबरू नहीं होते ।
ReplyDeleteआखिर में पसंद नापसंद तो सबकी अपनी ही होती है ।
जहाँ समान विचार नज़र आयें , वहां स्नेह स्वत : उत्पन्न हो जाता है ।
प्रथम वर्षगांठ की हार्दिक बधाई माथुर जी । 'स्वान्तः सुखाय -सर्वजन हिताय'--स्लोगन अच्छा लगा ।
साल पूरा करने पर बधाई!
ReplyDeleteब्लॉगजगत में आज से 365 दिन की एक नई यात्रा फिर से शुरू होती है। आपकी ये यात्रा मंगलमय और सार्थक रचनाओं से भरी हो ।
बहुत बहुत बधाई.... सादर
ReplyDeleteब्लॉग की वर्षगांठ पर बहुत-बहुत बधाई.
ReplyDeleteआप की ब्लॉग यात्रा जारी रहे.
शुभकामनाएँ.
आदरणीय विजय माथुर जी
ReplyDeleteसादर सस्नेहाभिवादन !
ब्लॉग की प्रथम वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई
एवंहार्दिक शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
कृपया ,
ReplyDeleteशस्वरं
पर आप सब अवश्य visit करें … और मेरे ब्लॉग के लिए दुआ भी … :)
शस्वरं कल दोपहर बाद से गायब था …
अभी सवेरे पुनः नज़र आने लगा है ।
कोई इस समस्या का उपाय बता सकें तो आभारी रहूंगा ।
ब्लॉग के एक वर्ष पूरा होने की हार्दिक बधाई.मैं देर से आपकी ये पोस्ट पढ़ पाया,क्षमा करियेगा.आपने अपने आलेख में मेरा ज़िक्र किया ,आभारी हूँ.
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