Friday, September 9, 2011

युवाओं जीवन अनमोल है ,इसकी रक्षा करो

Hindustan-Lucknow-05/09/2011
इस हादसे विशेष पर लिखने का कारण यह है कि इस हृदय-विदारक कारुणिक दृश्य को आँखों से देखना पड़ गया था। मुझे जरूरी कार्य से क़ैसर बाग जाना था और भीड़ लगी देख कर साईकिल को और धीमा करना पड़ा सड़क पर इस छात्र को निढाल पड़ा देखा ,लोगों की चर्चा सुन कर काफी वेदना हुयी और दिमाग चकराने लगा। बेहद धीमे-धीमे साईकिल को आगे बढ़ाते और सोचते रहे कि,एक होनहार और हृष्ट-पुष्ट युवक पलक झपकते यह संसार छोड़ गया जबकि अभी इसे परिवार,समाज और राष्ट्र के लिए बहौत कुछ करना था।

बंगलौर के इंजीनियर साहब-ज्ञान चंद मर्मज्ञ जी ने मेरे एक पोस्ट पर टिप्पणी मे कहा था कि मुझे जन-हित मे स्तुति-प्रार्थनाएँ सार्वजनिक करनी चाहिये। मैंने उनके सुझाव पर 27 जूलाई से 'जन-हित मे ' नामक नया ब्लाग प्रारम्भ करके स्तुति-प्रार्थनाएँ उस ब्लाग  मे रिकार्ड करा कर देना प्राम्भ भी कर दिया था,किन्तु कुछ महा-विद्वानों द्वारा महाभ्रष्ट -राष्ट्रद्रोही अन्ना-आंदोलन का समर्थन करते हुये 'बकवास' एवं 'वाहियात' कह कर मेरे हकीकत बयानी की खिल्ली उड़ाई गई  जिस कारण उस ब्लाग को फिलहाल 'विशेष सूचना' देकर  स्थगित कर दिया है।

लेकिन इस होनहार छात्र के असामयिक कारुणिक अंत को देखते हुये इस ब्लाग के माध्यम से अपने देश के सभी युवाओं से मेरा अनुरोध है कि कृपया 'जीवन अनमोल है इसकी रक्षा करें'। प्रस्तुत स्कैन कापी मे जीवन-रक्षक स्तुति दी गई है ,इसे घर से चलते समय एक बार वाचन कर लें । इसके प्रभाव से यात्रा  निरापद एवं सुरक्षित सम्पन्न होती है।

यदि अस्वस्थ हैं तो प्रात: 8 बार और रात्रि सोते समय 8 बार इसी स्तुति के वाचन से शीघ्र स्वास्थ्य लाभ होता है। यह स्तुति अतीत मे 4-5 ब्लागर्स को उनकी सहमति से उनके ई मेल पर भेजी जा चुकी है ।

 व्यक्तिगत रक्षा हेतु तो नीचे दी गई स्तुति लाभदायक रहेगी। परंतु युवाओं को समाज और राष्ट्र के जीवन की भी रक्षा करनी है और इसके लिए उन्हें विदेशी सहायता एवं समर्थन प्राप्त अन्ना ब्रांड राष्ट्रद्रोही फासिस्ट तत्वों से सावधान रहना होगा। विदेशी हित के इन संरक्षकों ने स्वाधीनता दिवस पर ब्लैक आउट रखवाया बजाए जश्न -रोशनी करने के। राष्ट्रध्वज का निंदनीय अपमान किया। सरकार ने उनके विरुद्ध कारवाई करने के बजाए उन्हें गुलदस्ता भेंट किया और कमांडोज़ प्रदान कर दिये। यह भी युवाओं का ही फर्ज है कि वे  राष्ट्र द्रोही तत्वों को कामयाब न होने दे।

 सभी युवा इस स्तुति का लाभ उठा सकते हैं ,धर्म,जाति,क्षेत्र का बंधन आड़े नहीं आता है। 

(नोट -अन्ना समर्थक इस स्तुति का लाभ उठाने के नैतिक हकदार नहीं हैं अतः वे इसका प्रयोग न करें । वे ब्लागर्स जिनहोने मेरे विचारों को 'बकवास' और 'वाहियात'कह कर ठुकराया था भूल कर भी इस स्तुति से लाभ न उठाएँ ,वे केवल अन्ना-जाप करें  )

स्तुति-




6 comments:

  1. ऐसी घटनाएँ सच में बहुत दुखद होती हैं...... सार्थक विवेचन

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  2. दुखद...अत्यंत दुखद....

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  3. सही कहा । घर से निकलते समय प्रार्थना ज़रूर करनी चाहिए ।
    इस तरह की दुर्घटना घरवालों के लिए जीवन भर का कष्ट हो जाता है ।

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  4. sahi hai ye baat ki jeevan anmol hai...atyant sundar vivechan.....

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  5. अत्‍यंत दुखद घटना ..।

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