उत्तर प्रदेश विधान सभा के चुनावों मे भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी ने दूसरे बामपंथी दलों के साथ मोर्चे के रूप मे चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है और अपने कुल 55 प्रत्याशी खड़े किए हैं। उत्तर प्रदेश के मत-दाताओं से विनम्र अनुरोध है की जहां कहीं भी बाम-पंथी और जनता दल (से) के प्रत्याशी हैं उन्हें भारी बहुमत से चुनकर विधान सभा मे भेजें जिससे कि आम जनता की आवाज को सदन के भीतर बुलंद किया जा सके।
वामपंथी दलों तथा जनता दल (सेकुलर) की प्रेस वार्ता
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी तथा जनता दल (सेक्यूलर) के राज्य नेतृत्व ने 9 जनवरी को लखनऊ में प्रेस वार्ता में निम्नलिखित बयान जारी किया:
”उत्तर प्रदेश में विधान सभा के चुनावों की घोषणा हो चुकी है। इस चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी तथा जनता दल (सेकुलर) ने मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आदि के साथ-साथ आम जनता के हित में वैकल्पिक आर्थिक नीतियों को चुनावी मुद्दा बनाने का फैसला किया है।
प्रदेश में चुनाव लड़ रही बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस तथा अन्य पार्टियों के बीच आर्थिक नीतियों पर आम सहमति है। जिनके कारण मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार एवं अपराध सभी बढ़ रहे हैं। वामपंथी वैकल्पिक आर्थिक नीतियां ही आम जनता को राहत दिला सकती हैं, जिसके लिए देश एवं प्रदेश के स्तर पर लगातार ये दल संघर्ष करते रहे हैं।
वामपंथी दल और जनता दल (सेक्यूलर) प्रदेश में साम्प्रदायिक एवं जातिवादी राजनीति करने वाली शक्तियों के खिलाफ लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष एवं वामपंथी राजनीति को जनता के मध्य ले जाने का प्रयास करेंगी और आम जनता के संघर्षों को आगे बढ़ायेंगी।
वामपंथी दल और जनता दल (सेकुलर) ने आपस में तालमेल कर एक दूसरे के खिलाफ न लड़ने का फैसला किया हैं। ये दल आपस में मिल-जुल कर विधान सभा चुनाव लडेंगे तथा एक दूसरे के प्रत्याशियों को सफल बनाने में हर तरह से योगदान करेंगे।“
”उत्तर प्रदेश में विधान सभा के चुनावों की घोषणा हो चुकी है। इस चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी तथा जनता दल (सेकुलर) ने मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आदि के साथ-साथ आम जनता के हित में वैकल्पिक आर्थिक नीतियों को चुनावी मुद्दा बनाने का फैसला किया है।
प्रदेश में चुनाव लड़ रही बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस तथा अन्य पार्टियों के बीच आर्थिक नीतियों पर आम सहमति है। जिनके कारण मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार एवं अपराध सभी बढ़ रहे हैं। वामपंथी वैकल्पिक आर्थिक नीतियां ही आम जनता को राहत दिला सकती हैं, जिसके लिए देश एवं प्रदेश के स्तर पर लगातार ये दल संघर्ष करते रहे हैं।
वामपंथी दल और जनता दल (सेक्यूलर) प्रदेश में साम्प्रदायिक एवं जातिवादी राजनीति करने वाली शक्तियों के खिलाफ लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष एवं वामपंथी राजनीति को जनता के मध्य ले जाने का प्रयास करेंगी और आम जनता के संघर्षों को आगे बढ़ायेंगी।
वामपंथी दल और जनता दल (सेकुलर) ने आपस में तालमेल कर एक दूसरे के खिलाफ न लड़ने का फैसला किया हैं। ये दल आपस में मिल-जुल कर विधान सभा चुनाव लडेंगे तथा एक दूसरे के प्रत्याशियों को सफल बनाने में हर तरह से योगदान करेंगे।“
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी , जनता दल (सेकुलर)
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