Friday, March 16, 2012

ग्रहों के आईने मे अखिलेश सरकार


शपथ ग्रहण के समय सपाइयों का उपद्रव और अखिलेश की चिंता 

अखिलेश जी की शपथ-कुण्डली





2003 और 2004 मे  'ब्रह्मपुत्र समाचार',आगरा मे मैंने मुलायम सिंह जी के मुख्यमंत्री पद की शपथ-कुण्डली,पार्टी नेत्री आशा ख्नड़ेलवाल की प्रश्न कुण्डली,सांसद राज बब्बर आदि के संबंध मे ज्योतिषयात्मक विवेचन दिये थे।  अखबार की स्कैन कापियाँ दिये गए लिंक पर 'कलम और कुदाल'ब्लाग मे उपलब्ध हैं। अब मै किसी भी अखबार के लिए न लिख कर अपने ब्लाग्स पर ही विचार दे रहा हूँ। कुछ लोग किन्ही पूर्वाग्रहों के कारण तो कुछ लोग अखबारो मे छ्पी तस्वीरों और खबरों को देख कर चिंतित हैं। 'अमर उजाला'ने नजीराबाद,अमीनाबाद,लखनऊ के टुंडा कवाब के हवाले से सिपाही और होमगार्ड को सपा विधायक के नुमाइन्दो  द्वारा पीटे जाने के आधार पर पूरी सरकार को कटघरे मे खड़ा कर दिया है। हम यहाँ आपको अखिलेश यादव जी की शपथ-कुण्डली के आधार पर ग्रह-नक्षत्रो की चाल से अवगत कराएंगे,यह जानते हुये भी कि आप मे से तथाकथित प्रगतिशील और तथाकथित विज्ञानी महानुभाव इसकी कड़ी आलोचना करेंगे।

अखिलेश यादव जी ने लखनऊ मे सुबह 11-30 मिनट पर 'पद एवं गोपनीयता की शपथ' ग्रहण की है। चैत्र कृष्ण अष्टमी विक्रमी संवत 2068,शक संवत 1933  ,गुरुवार,मूल नक्षत्र,साध्य योग एवं कौलव करण मे शपथ ग्रहण हुआ है और उस समय लखनऊ के पूर्वी क्षितिज पर 'वृष' लग्न थी,हालांकि समारोह के मध्य ही मिथुन लग्न भी लग गई और कुछ मंत्रियों का शपथ ग्रहण दूसरी लग्न मे भी हुआ परंतु हम मुख्यमंत्री की शपथ को ही सरकार के भविष्य के लिहाज से लेंगे।

पहले यह देख लें कि मतदान 08 फरवरी से 04 मार्च के मध्य उत्तर प्रदेश मे सम्पन्न हुआ था जिस समय 'शनि'और 'मंगल'वक्री चल रहे थे जिसका परिणाम सचिव,सभासद हेतु आपदा कारक था। 29 तारीख की प्रातः 'शुक्र' मेष राशि मे 'गुरु'के साथ आ गया था जिसका फल सत्ता नायक और सत्ता दल पर भारी था। अतः 06 मार्च को घोषित परिणाम बसपा सरकार के विरुद्ध गया और मायावती जी को पद छोडना पड़ा। किन्तु अखिलेश जी ने मनोनीत होने के बावजूद किसी न किसी बहाने से तुरंत शपथ नहीं ली।

चैत्र कृष्ण सप्तमी =14 मार्च को 'सूर्य' 'मीन राशि' मे प्रवेश कर गया जो दलपति-नायक,राजदूत,राजपत्रित अधिकारियों हेतु शुभ है अतः अखिलेश जी ने 15 मार्च को सुबह स्थिर लग्न-वृष मे शपथ ग्रहण किया। ऊपर उस समय की कुण्डली दी गई है अवलोकन करें। तिथि अष्टमी सर्वथा शुभ तिथि होती है,नक्षत्र-'मूल' का प्रभाव यह होगा कि वह अखिलेश जी को यशस्वी,समाजसेवी,कला और विज्ञान का प्रेमी बना कर साहस,कर्मठता,नेतृत्व शक्ति का धनी और उत्तम विचारो का पोषक भी बनाएगा।

'चंद्रमा' धनु राशि मे होने के कारण हठवादी, चतुर और मधुर-भाषी बनाए रखेगा। गुरुवार का दिन तो शपथ ग्रहण के लिए शुभ होता ही है। 'वृष'लग्न स्थिर होने के कारण सामान्यतः सरकार को 'स्थिर' रखेगी। जन -समाज का स्नेह-भाजन मुख्यमंत्री को बनाने वाली लग्न रहेगी।

शपथ-ग्रहण के समय 'शुक्र' की महादशा मे 'शुक्र' की ही अंतर दशा थी जो अभी 08 जून 2015 तक चलेगी जो सरकार के लिए शुभता प्रदान करती रहेगी। शपथ-कुण्डली का दूसरा भाव (जो जनता तथा राज्य कृपा का भाव है ) तथा पंचम भाव ( जो लोकतन्त्र का है )का स्वामी होकर बुध एकादश भाव मे सूर्य के साथ है। अतः बुद्धिमानी द्वारा हानि पर नियंत्रण पाने की क्षमता बनी रहेगी।

तीसरा भाव पराक्रम और जनमत का है जिसका स्वामी होकर चंद्रमा अष्टम भाव मे चला गया है जो सरकार के स्थाईत्व हेतु शुभ नहीं है।

सातवें भाव (जो सहयोगियों,राजनीतिक साथियों एवं पार्टी नेतृत्व का है )का स्वामी मंगल चतुर्थ भाव (जो लोकप्रियता व मान-सम्मान का है )मे सूर्य की राशि मे स्थित है । यह स्थिति शत्रु बढ़ाने वाली है इसी के साथ-साथ सातवें भाव मे मंगल की राशि मे 'राहू' स्थित है जो कलह के योग उत्पन्न कर रहा है।

ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार के मध्य काल तक पार्टी मे अंदरूनी कलह-क्लेश और टकराव बढ़ जाएँगे। ये परिस्थितियाँ पार्टी को दो-फाड़ करने और सरकार गिराने तक भी जा सकती हैं। निश्चय ही विरोधी दल तो ऐसा ही चाहेंगे भी।*****

लेकिन 09 जून 2015 से प्रारम्भ शुक्र मे सूर्य की अंतर दशा और फिर 09 जून 2016 से प्रारम्भ चंद्र की अंतर दशाओं के भी शुभ रहने एवं शपथ ग्रहण के दिन गुरुवार ,मूल नक्षत्र,और चंद्रमा के गुरु की धनु राशि मे होने तथा तिथि अष्टमी रहने के कारण अखिलेश जी अपनी कुशाग्र बुद्धि से सभी समस्याओं का निदान करने मे सफल रहेंगे ऐसी संभावनाएं मौजूद हैं और सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर सकेगी ऐसी हम आशा करते हैं ।

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