Sunday, April 7, 2013

शहीदों के सपनों का भारत ---सुधीर विद्यार्थी जी का विश्लेषण



दैनिक जागरण,आगरा के 26 जनवरी,1994 के गण तंत्र दिवस विशेषांक मे प्रकाशित इस लेख को उद्धृत करने का उद्देश्य इस बात की याद दिलाना है कि भगत सिंह जी और उनके क्रांतिकारी साथी भारत मे एक शोषण विहीन समाजवादी समाज की स्थापना करना चाहते थे जो अब तक न हो सका है। इन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजली उनके सपनों का भारत निर्माण ही हो सकती है। अतः प्रवचनों एवं सत्संगों से काम नहीं चलेगा हमे मनसा-वाचा-कर्मणा संगठित होकर उनके आचरण व आदर्शों को क्रियान्वित करना चाहिए तभी उनके स्मरण की सार्थकता है अन्यथा तो केवल पाखंड-ढोंग व आडंबर ही है। ---विजय राजबली माथुर


इस पोस्ट को यहाँ भी पढ़ा जा सकता है।

No comments:

Post a Comment

इस ब्लॉग पर प्रस्तुत आलेख लोगों की सहमति -असहमति पर निर्भर नहीं हैं -यहाँ ढोंग -पाखण्ड का प्रबल विरोध और उनका यथा शीघ्र उन्मूलन करने की अपेक्षा की जाती है.फिर भी तर्कसंगत असहमति एवं स्वस्थ आलोचना का स्वागत है.किन्तु कुतर्कपूर्ण,विवादास्पद तथा ढोंग-पाखण्ड पर आधारित टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं किया जाएगा;इसी कारण सखेद माडरेशन लागू है.