हमने सुना था एक है भारत
Song Title: Humne Suna Tha Ek Hai Bharat
Movie: Didi (1959)
Singers: Mohammed Rafi, Asha Bhosle
Lyrics: Sahir Ludhianvi
Music: N. Dutta
Music Label: Saregama
👉lyric
हमने सुना था एक है भारत सब मुल्कों से नेक है भारत लेकिन जब नजदीक से देखा सोच समझ कर ठीक से देखा हमने नक्शे और ही पाए बदले हुए सब तौर ही पाए एक से एक की बात जुदा है धर्म जुदा है जात जुदा है आप ने जो कुछ हम को पढाया वो तो कही भी नज़र न आया जो कुछ मैंने तुम को पढाया उसमे कुछ भी झूठ नहीं भाषा से भाषा न मिले तो इसका मतलब फूट नहीं इक डाली पर रह कर जैसे फूल जुदा है पात जुदा बुरा नहीं गर यूँ ही वतन में धर्म जुदा हो जात जुदा आपने वतन में
वही है जब कुरान का कहना जो है वेद पुरान का कहना फिर ये शोर-शराबा क्यों है इतना खून-खराबा क्यों है आपने वतन में सदियों तक इस देश में बच्चो रही हुकूमत गैरों की अभी तलक हम सबके मुँह पर धुल है उनके पैरों की लडवाओ और राज करो यह उन लोगो की हिकमत थी उन लोगों की चाल में आना हम लोगों की जिल्लत थी ये जो बैर है इक दूजे से ये जो फुट और रंजिश है उन्ही विदेशी आकाओं की सोची समझी बकशिश है अपने वतन में कुछ इन्सान ब्राह्मण क्यों है कुछ इंसान हरिजन क्यों है एक की इतनी इज्जत क्यों है एक की इतनी ज़िल्लत क्यों है
धन और ज्ञान को ताकत वालों ने अपनी जागीर कहा मेहनत और गुलामी को कमजोरों की तक़दीर कहा इन्सानों का यह बटवारा वहशत और जहालत है जो नफ़रत की शिक्षा दे वो धर्म नहीं है , लानत है जन्म से कोई नीच नहीं है जन्म से कोई महान नहीं करम से बढ़कर किसी मनुष्य की कोई भी पहचान नहीं अब तो देश में आज़ादी है अब क्यों जनता फरियादी है कब जएगा दौर पुराना कब आएगा नया जमाना सदियों की भूख और बेकारी क्या इक दिन में जाएगी इस उजड़े गुलशन पर रंगत आते आते आएगी ये जो नये मनसूबे है ये जो नई तामीरे है आने वाली दौर की कुछ धुधली-धुधली तस्वीरे है तुम ही रंग भरोगे इनमें तुम ही इन्हें चमकाओगे नवयुग आप नहीं आएगा नवयुग आप नहीं आएगा नवयुग को तुम लाओगे नवयुग आप नहीं आएगा नवयुग को तुम लाओगे|।
~विजय राजबली माथुर ©
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