Friday, January 24, 2020

घंटाघर लखनऊ के शाहीन बाग में रवायतों को तोड़ा बेटियों ने ------ सौरभ श्रीवास्तव / ज़ेबा हसन

  








Naish Hasan
· 
उजरियांव शाहीनबाग, क्या कहती है बहने सुनिए, ये समीना किदवई हैं।






~विजय राजबली माथुर ©

No comments:

Post a Comment

इस ब्लॉग पर प्रस्तुत आलेख लोगों की सहमति -असहमति पर निर्भर नहीं हैं -यहाँ ढोंग -पाखण्ड का प्रबल विरोध और उनका यथा शीघ्र उन्मूलन करने की अपेक्षा की जाती है.फिर भी तर्कसंगत असहमति एवं स्वस्थ आलोचना का स्वागत है.किन्तु कुतर्कपूर्ण,विवादास्पद तथा ढोंग-पाखण्ड पर आधारित टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं किया जाएगा;इसी कारण सखेद माडरेशन लागू है.