१९६७ में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री शाहजहांपुर में संत श्याम जी पराशर को सुनने के मौके मिले.वो राम मंदिरों में ही प्रवचन देते थे.उन्होंने अपनी पुस्तक ''रामायण का एतिहासिक महत्त्व'' में लिखा है:-एक व्यापारी का बेटा छात्र यूनियन का अध्यक्ष था उसे पिता ने व्यापार में हाथ न बटाने पर एक थप्पड़ मार दिया.वो थोड़ी देर में एक जुलूस लेकर पहुंचा जिसमें नारे लग रहे थे --लाला थपेड़ू मल मुर्दाबाद,छात्र एकता जिंदाबाद.सचिव ने लाला से पूछा हमारे अध्यक्ष को थप्पड़ क्यों मारा?लाला ने ज़वाब दिया हमने पैदा किया,हमने मारा तुम से क्या मतलब? उनके बेटे ने कहा -मैं तो आपके मनोरंजन में एक्सीडेंटली पैदा हो गया था,पैदा किया होता तो ठीक से व्यवहार करते.संत पराशर लिखते हैं सिर्फ पैदा करने से ही माता पिता नहीं हो जाते हैं.
डाक्टर सोमदेव शास्त्री लिखते हैं:-जनम देने वाली जननी होती है,अगर वह ममता दे तो माँ और निर्माण करे तो माता होती है.
इन बातों से साफ़ होता है की जननी माँ और माता अलग भी हो सकती हैं जैसे कृष्ण की जननी तो देवकी थीं और माता यशोदा.जनक वासुदेव थे और पिता नन्द.जो लोग अपनी संतान के भविष्य का ख्याल किये बगैर अपनी दोस्ती या भाई-चारा निभाते हैं वे लोग जननी-जनक तो हो सकते हैं माता या पिता नहीं हैं.
मेरे पास ऐसे बहुत से मामले आते हैं जिनमे जनक-जननी ने अपनी संतान के बारे में गलत फैसले किये और उनकी संतान को बाद में कष्ट उठाने पड़े.बैंक मेनेजर बी बी सक्सेना ने बोलते नामों से जन्मपत्री मिलवाकर अपने इंजीनियर बेटे की शादी कर दी बाद में अमेरिका में उनकी संतान को बेहद कष्ट उठाना पड़ा.एच.ऍम.टी .के जनरल मेनेजर मनोज माथुर ने अपनी बेटी के गृह शांत करवाए बिना शादी कर दी.बाद में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा.बी.पी.आयल मिल आगरा के एक कर्मचारी की शादी १३ गुणों परदोनों पति-पत्नी बहुत परेशान रहते थे। 14 गुणो पर हुई एक शादी में पत्नी की मौत बहुत जल्दी हो हो गयी.अभी केल्विनेटर के पुराने कर्मचारी और उनकी शिक्षिका पत्नी अपनी बेटी की शादी मात्र ११ गुणों पर करने जा रहे हैं क्योंकि लड़का-लड़की की जननियाँ बचपन की सहेलियां हैं दोनों अपने अपने बेटा-बेटी का भविष्य नहीं देख रहे हैं और संतानों के लिए गड्ढा खोद रहे हैं।*
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*नोट : -29 अप्रैल 2011 को सम्पन्न हुई इस शादी के बारे में लड़की के सगे ताउजी का कहना है कि जब पैसों की कमी होती है तो कहीं तो 'कंप्रोमाईज़'करना ही पड़ता है। लड़के के एक पैर में कुछ 'विकार' होने के कारण ऐसा उनका कथन था।
पाठक कृपया ध्यान दे--रोमन से अंग्रेजी में टाइप होने के कारन उपरोक्त आलेख में वर्तनी की त्रुटियाँ होना संभावित है.यथा स्थान कृपया सुधार करलें।
Typist-yashwant
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