Saturday, August 28, 2010

खुशवंत सिंह द्वारा ज्योतिष की खिल्ली

वयोवृद्ध खुशवंत सिंह जी ने पूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब की जो तारीफें की हैं वे तो ठीक हैं किन्तु वर्तमान राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल की आलोचना सिर्फ इसलिए की है कि,वह ज्योतिष पर विशवास करती हैं सरासर गलत है।

ज्योति का मतलब है रौशनी या प्रकाश.ज्योतिष अँधेरे से रौशनी की और लेजाने वाला विज्ञान है.ज्योतिष मानव जीवन को सुन्दर सुखद और सम्रद्ध बनाने का मार्ग प्रस्तुत करता है.खुशवंत सिंह जी देश को खुशहाल भी बनाना चाहते हैं और ज्योतिष का विरोध भी करते हैं -यह गहरा विरोधाभास है.ज्योतिष पढने वाले बच्चों को किस विषय में सफलता मिल सकती है या किस रोजगार या व्यापार में सफलता प्राप्त कर सकते हैं बताने में कारगर हो सकता है.रोगों के उपचार में भी गृह नक्षत्रों से सहायता मिलती है.हाँ ज्योतिष के नाम पर ढोंग और पाखण्ड करने वालों का खुशवंत सिंह विरोध करते तो उचित होता.कुछ गलत करने वालों की वजह से पूरे ज्योतिष विज्ञान को गलत ठहराना अज्ञान की पराकाष्ठा है.ज्योतिषीय आंकलन गढ़ित(Mathes) पर आधारित हैं जो सटीक होते हैं.गृह नक्षत्रों की चाल के आधार पर सूर्य,चन्द्र ग्रहण आदि का हजारों साल पहले पता चल जाता है जो ठीक बैठता है.२+२=४ होता है लेकिन अगर कोई पौने चार या सवा चार बता दे तो बताने वाला गलत है,इसमें गढ़ित (mathes)और ज्योतिष विज्ञान की गलती कहाँ है?विभिन्न छोटे साप्ताहिक अखबारों में तथा तिमाही पत्रिकाओं में भी मेरे लेख छपे हैं और अब ब्लॉग के माध्यम से भी गलत बातों का विरोध कर रहा हूँ.साइन्स के मुताबिक़ ज्योतिष के कथन सटीक और सही होते हैं जो मनुष्य मात्र के भले के काम आ सकते हैं -शर्त यही है कि मनुष्य किसी गलत बात के भटकावे में न आये.एक बार जो भटक गया तो और भटकता ही रहेगा।

ज्योतिष और वास्तु के सहारे भारत पहले सोने की चिरिया कहा जाता था,लेकिन आज उधार और कर्ज के नीचे डूबा हुआ है ये सब ज्योतिष और वास्तु को ठुकराने के कारन ही है। अगर हम फिर से ज्योतिष और वास्तु के नियमों का पालन करने लगें -साइन्स के उपायों पर ही चलें ढोंग और पाखण्ड को न मिलाएं तो हम फिर से वही मंजिल हासिल कर सकते हैं।

नोट-रोमन से हिंदी में टाइप होने के कारन कहीं-कहीं वर्तनी की गलतियाँ हो सकतीं हैं,पाठक यथास्थान कृपया सुधार कर लें।

Typist-Yashwant

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