06 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का विध्वंस सिर्फ एक भवन का ढहाया जाना नहीं है संविधान निर्मात्री समिति के चेयरमेंन डाक्टर भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाड़ दिवस का चयन यह दिखाने के लिए किया गया था कि अब उनके प्रयासों से निर्मित संविधान को भी ढहाया जाएगा।
उसी दिशा में अभी कुछ ही दिन पूर्व प्रधानमंत्री के सलाहकार ने इस संविधान को बदलने की इच्छा एक लेख के जरिए जाहिर भी कर दी है।
कांग्रेस समेत I N D I A गठबंधन को संविधान और लोकतंत्र की रक्षा हेतु ई वी एम से चुनाव व्यवस्था को समाप्त करने के लिए कानूनी और जनांदोलनों के जरिए ईमानदार कदम उठाने चाहिए वही डाक्टर आंबेडकर के लिए सच्ची श्रद्धांजली होगी।
No comments:
Post a Comment
इस ब्लॉग पर प्रस्तुत आलेख लोगों की सहमति -असहमति पर निर्भर नहीं हैं -यहाँ ढोंग -पाखण्ड का प्रबल विरोध और उनका यथा शीघ्र उन्मूलन करने की अपेक्षा की जाती है.फिर भी तर्कसंगत असहमति एवं स्वस्थ आलोचना का स्वागत है.किन्तु कुतर्कपूर्ण,विवादास्पद तथा ढोंग-पाखण्ड पर आधारित टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं किया जाएगा;इसी कारण सखेद माडरेशन लागू है.