फोटो सौजन्य से - रितेश चंद्र जी (प्रथम पंक्ति में लाल शर्ट-काली पैंट पहने ) |
आज साँय 03 : 30 बजे से जी पी ओ पार्क, हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर विभिन्न नागरिक संगठनों के सम्मिलित तत्वावधान में 'लौह महिला इरोम शर्मिला चानू ' के अनवरत अनशन के 16 वें वर्ष में प्रविष्ट होने पर एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हेतु धरना दिया गया। ओ पी सिन्हा साहब ने इस अनशन के कारणों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि, सेना अपने असीम अधिकारों के तहत नागरिकों विशेषकर महिलाओं का उत्पीड़न करती व बलात्कार तक कर डालती है अतः AFSPA को हटाने की मांग को लेकर इरोम शर्मीला ने 15 वर्ष पूर्व गांधीवादी तरीके से अनशन शुरू किया था लेकिन विभिन्न सरकारों ने उनको ही आत्म-हत्या के प्रयास का आरोपी बना कर गिरफ्तार कर रखा है। लखनऊ के प्रबुद्ध नागरिक इस उत्पीड़क कानून को हटाने की मांग में इरोम शर्मिला का समर्थन करते हैं और उनके साथ एकजुटता का प्रदर्शन तथा सरकारी दमन का विरोध करते हैं। नागवंशी जी ने अपनी ओजस्वी कविता के माध्यम से इरोम शर्मिला के प्रति जनता के समर्थन की आवाज़ बुलंद की।
राम किशोर जी ने सरकारों के साथ-साथ देश की साधारण जनता विशेषकर विभिन्न महिला संगठनों के इरोम शर्मिला के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैये के प्रति क्षोभ व्यक्त किया। उन्होने इरोम शर्मिला के प्रति जनता में जागरूकता उत्पन्न करने व जनांदोलन के माध्यम से सरकार को AFSPA को वापस लेने के लिए बाध्य करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन में मुख्य रूप से भाग लेने वालों में लता राय, राम किशोर, ओ पी सिन्हा, के के शुक्ल, रमेश दीक्षित, कौशल किशोर, नागवंशी, रितेश चंद्र, विजय राजबली माथुर आदि थे।
~विजय राजबली माथुर ©
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1 comment:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (07-11-2015) को "एक समय का कीजिए, दिन में अब उपवास" (चर्चा अंक 2153) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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