Home
डैश बोर्ड
विद्रोही स्व स्वर में
पुरानी यादें
साम्यवाद
कलम कुदाल
सर्वे भवन्तु सुखिन:
पूनम वाणी
जो मेरा मन कहे
Wednesday, November 1, 2017
विद्यार्थी का 'प्रताप' सह नहीं पाती थी गोरी सरकार ------ कृष्ण प्रताप सिंह
इस सत्य का रहस्योद्घाटन आज भी पूर्ण प्रासंगिक है।
~विजय राजबली माथुर ©
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Follow this blog
No comments:
Post a Comment