Friday, September 13, 2024

यह किस पद्धति की पूजा है ?




यह किस  पद्धति की पूजा है ?
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वैदिक पद्धति के अनुसार यजमान की दाईं  ओर उसकी पत्नी का स्थान होता है लेकिन प्रस्तुत कार्यक्रम में यजमान की दाईं ओर प्रधानमंत्री हैं और उनकी दाईं ओर यजमान की पत्नी । पुरोहित महोदय क्या अनभिज्ञ थे ?
07 मई 1997 को निर्धारित आचार संहिता का उल्लंघन प्रधान न्यायाधीश द्वारा क्यों किया  गया ?
1975 में आपात काल के दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश कुँवर बहादुर अस्थाना साहब ने तमाम लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया था बिना सरकार के दबाव के आगे झुके हुए। 
12 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा जी के विरुद्ध फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश जगमोहन लाल सिन्हा साहब ने अपने कर्तव्य का पालन बिना डरे और झुके हुए किया था। 
जगमोहन लाल सिन्हा साहब जब मेरठ में जिला न्यायाधीश थे और चौधरी चरण सिंह साहब उत्तर - प्रदेश के मुख्यमंत्री । चौधरी साहब के किसी खास व्यक्ति का केस सिन्हा साहब की अदालत में था उसके पक्ष में फैसला की चाहत लेकर चौधरी साहब मेरठ में सिन्हा साहब के सरकारी आवास पर मिलने गए थे। 
सिन्हा साहब ने अर्दली के जरिए पुछवाया था कि, चौधरी चरण सिंह आए हैं या उत्तर -प्रदेश के मुख्यमंत्री ?
चौधरी चरण सिंह ने अर्दली से जवाब भिजवाया था कि, जज साहब से कह दो कि, " उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह आए हैं। "
सिन्हा साहब ने मुख्यमंत्री से मिलने से इनकार कर दिया , चौधरी चरण सिंह साहब को बिना मिले ही वापिस लौटना पड़ा था। 
क्या सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश चंद्र चूड़ साहब प्रधान मंत्री को अपने निजी कार्यक्रम में शामिल करने से इनकार नहीं कर सकते थे ?







  ~विजय राजबली माथुर ©

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