दैनिक जागरण,आगरा के 26 जनवरी,1994 के गण तंत्र दिवस विशेषांक मे प्रकाशित इस लेख को उद्धृत करने का उद्देश्य इस बात की याद दिलाना है कि भगत सिंह जी और उनके क्रांतिकारी साथी भारत मे एक शोषण विहीन समाजवादी समाज की स्थापना करना चाहते थे जो अब तक न हो सका है। इन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजली उनके सपनों का भारत निर्माण ही हो सकती है। अतः प्रवचनों एवं सत्संगों से काम नहीं चलेगा हमे मनसा-वाचा-कर्मणा संगठित होकर उनके आचरण व आदर्शों को क्रियान्वित करना चाहिए तभी उनके स्मरण की सार्थकता है अन्यथा तो केवल पाखंड-ढोंग व आडंबर ही है। ---विजय राजबली माथुर
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