एंथ्रोपोलॉजी के अनुसार शादि हमेशा से ही एक व्यापारिक सँस्था है। प्रेम का ज्वार बड़ा अस्थायी ही होता है। यूँ साथ रहते रहते सामंजस्य बना रहे तो आत्मिक प्रेम पनप ही जाता है। तो इस बदलाव में कोई बुराई नहीं है।
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एंथ्रोपोलॉजी के अनुसार शादि हमेशा से ही एक व्यापारिक सँस्था है। प्रेम का ज्वार बड़ा अस्थायी ही होता है। यूँ साथ रहते रहते सामंजस्य बना रहे तो आत्मिक प्रेम पनप ही जाता है। तो इस बदलाव में कोई बुराई नहीं है।
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