पूनम की जो रचनाएँ समय-समय पर 'क्रांतिस्वर' और 'जो मेरा मन कहे' मे प्रकाशित हुई हैं उन्हे आज 'पूनम वाणी' के रूप मे पुस्तकाकार रूप देकर उनको जन्मदिन का उपहार देने का प्रयास "तेरा तुझ को अर्पण,क्या लागे मेरा" के आधार पर किया है। एक तो सर्वहारा तिस पर भी कंजूस इसके अतिरिक्त और दे भी क्या सकता था? मैंने तो सिर्फ क्रांतिस्वर के लिंक संपादित किए थे बाकी डिजाइनिंग आदि यशवंत ने सम्पन्न किए हैं। 28 जनवरी 2012 की कविता उस पुस्तक मे लिंक करने से रह गई थी उसे नीचे ज्यों का त्यों पुन : प्रस्तुत कर रहे हैं।
03 अक्तूबर 2010 -http://krantiswar.blogspot.in/2010/10/blog-post_03.html
17 नवंबर 2010 http://krantiswar.blogspot.in/2010/11/blog-post_17.html
11 दिसंबर 2010 http://krantiswar.blogspot.in/2010/12/blog-post_11.html
25 दिसंबर 2010 http://krantiswar.blogspot.in/2010/12/clinging-to-delusion-in-soltitude.html
30 दिसंबर 2010 http://krantiswar.blogspot.in/2010/12/blog-post_8518.html
28 जनवरी 2012 http://krantiswar.blogspot.in/2012/01/blog-post_28.html
17 फरवरी 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/02/blog-post_17.html
25 फरवरी 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/02/blog-post_25.html
14 अक्तूबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/10/blog-post_14.html
16 अक्तूबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/10/blog-post_16.html
24 अक्तूबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/10/blog-post_24.html
05 नवंबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/11/blog-post_05.html
06 नवंबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/11/blog-post_06.html
25 नवंबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/11/blog-post_25.html
30 नवंबर 2011 http://krantiswar.blogspot.in/2011/11/blog-post_30.html
28 जनवरी 2012 http://krantiswar.blogspot.in/2012/01/blog-post_28.html
26 फरवरी 2012 http://krantiswar.blogspot.in/2012/02/2.html
30 जनवरी 2012 http://jomeramankahe.blogspot.in/2012/01/blog-post_30.html
20 जनवरी 2012 http://jomeramankahe.blogspot.in/2012/01/2.html
01 दिसंबर 2011 http://jomeramankahe.blogspot.in/2011/12/blog-post.html
शनिवार, 28 जनवरी 2012
साथ
आया बसंत
गया पतझड़
माया झूमा
छाया उल्लास
सब आशावान
करें सम्मान
चमका दिनमान
कोयल बोली
बौर मतवाली
भौरा बैठा
झूमे डालीडाली
कोयल मतवारी
कुहुक प्यारी
विरहन बेचारी
सरसों पीलीपीली
ललकारे हरियाली
रंग धानी
यौवन खेले
चाल मस्तानी
मदनमोहन मन
खेले अठखेली
दिन होली
रात दीवाली
ऐसी अभिलाषा
पूरी हो
जाए जीवन
की आसप्यास
मिले सबको
सबका साथ
यही अर्थ
है मधुमास
(श्रीमती पूनम माथुर)
==================================================
नोट-ये सभी रचनाएँ अब 'पूनम वाणी'ब्लाग मे संगृहीत हैं वहाँ इन्हे देखा/पढ़ा जा सकता है।
http://poonam-vani.blogspot.in/
गया पतझड़
माया झूमा
छाया उल्लास
सब आशावान
करें सम्मान
चमका दिनमान
कोयल बोली
बौर मतवाली
भौरा बैठा
झूमे डालीडाली
कोयल मतवारी
कुहुक प्यारी
विरहन बेचारी
सरसों पीलीपीली
ललकारे हरियाली
रंग धानी
यौवन खेले
चाल मस्तानी
मदनमोहन मन
खेले अठखेली
दिन होली
रात दीवाली
ऐसी अभिलाषा
पूरी हो
जाए जीवन
की आसप्यास
मिले सबको
सबका साथ
यही अर्थ
है मधुमास
(श्रीमती पूनम माथुर)
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