Friday, February 24, 2017

सीजेरियन विरोधी मुहिम को सफल बनाना प्रकृति व मानवीयता की रक्षा हेतु आवश्यक ------ विजय राजबली माथुर




कायस्थसभा, आगरा से सम्बद्ध डॉ (रिटायर्ड मेजर) पी के अस्थाना साहब ने एक बार ज़िक्र किया था कि, आजकल डाक्टर्स अपने निजी आर्थिक हित के लिए बहुत जल्दी 'सीजेरियन' का सुझाव देते हैं लेकिन इससे प्रसूता के स्वस्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है और नवजात शिशु पर भी। इसके अतिरिक्त यह प्रकृति की व्यवस्था के विपरीत भी है। उनके अनुसार केवल गर्भवती अथवा गर्भस्थ शिशु की जीवन रक्षा के लिए ही 'सीजेरियन' किया जाना चाहिए। अपने संपर्क में आने वाली महिलाओं को प्राकृतिक प्रसव हेतु मनोवैज्ञानिक तौर पर डॉ अस्थाना तैयार कर देते थे जो सीजेरियन के प्रकोप से बच जाती थीं। 
प्रस्तुत समाचार में क्षेत्रवार सीजेरियन आप्रेशंस के आंकड़े दिये गए हैं। श्रीमती सुबरना घोष ने एक अच्छी मुहिम चला कर महिलाओं को शोषण से बचाने का गंभीर प्रयास किया है। जनहित में इस मुहिम को सहयोग व समर्थन देना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। 
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