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दीपक शर्मा और आनंद वर्धन सिंह की वार्ता में उठे प्रश्नों का जवाब तो राहुल पहले ही उनसे पूछे गए सवालों के जवाब में दे चुके थे।राहुल ने कहा था वरुण का स्वागत है लेकिन वह बी जे पी में हैं तो उनको दिक्कत होगी इसका साफ मतलब था कि वरुण को भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में आना होगा।
मानेका गांधी को पूर्व भाजपा उपाध्यक्ष विजय राजे सिंधिया ने इंदिरा गांधी के विरुद्ध खड़ा किया था,सोनिया गांधी के विरुद्ध नहीं। ( विजय राजे सिंधिया ने तत्कालीन मुख्यमंत्री , मध्य - प्रदेश द्वारिकानाथ मिश्र के विरुद्ध इंदिरा जी के सहयोग न मिलने पर कांग्रेस छोड़ दी थी और संविद के जरिए उनकी सरकार गिर दी थी गोविंद नारायण सिंह को सी एम बनवा कर )।
मानेका गांधी उस वक्त " सूर्या " नामक एक मैगजीन की संपादक थीं जिसे विजय राजे सिंधिया ने सरदार आंग्रे को आगे रख कर खरीद लिया था।
उनके इशारे पर ही संजय विचार मंच बना था जो लटूरी सिंह को मारे जाने के बाद स्वतंत्र रूप से नहीं चल पाया 1980 में संघ के समर्थन से सत्ता वापिसी की कीमत संजय को खो कर इंदिरा जी को चुकानी पड़ी थी , और संजय विचार मंच के विफल रहने पर वी पी सिंह के जनता दल से होते हुए मानेका भाजपा में पहुंच गई,वरुण तो स्वभाविक रूप से वहां इसीलिए रहे।
सोनिया गांधी के राजयोग व्यतीत होने के बाद , जिसका उपभोग राजीव गांधी कर चुके थे और राहुल,प्रियंका के पी एम योग न होने तथा मानेका एवं वरुण के प्रबल राजयोग होने के कारण दोनों का कांग्रेस में आना कांग्रेस के लिए तो फायदेमंद रहेगा हो।देश का संविधान,लोकतंत्र भी सुरक्षित हो जाएगा जो इस समय की जबरदस्त मांग है।
~विजय राजबली माथुर ©