January 26 at 11:02 PM
जन-कवि भगवत रावत ने कोई एक दशक पहले ये कविता लिखी थी। देश और राष्ट्र के अलग-अलग मतलबों को छूती यह कविता मोटी-मोटी किताबें पढ़ने का काम आसान कर देती है। देश एक राग है। तो आइये फ़र्क़ को समझें और इस राग को गुनगुनाएँ। तिग्मांशु धूलिया, रत्ना पाठक शाह और रसिका दुग्गल ने इस लंबी कविता का बेहतरीन पाठ किया है। मल्हार सलिल की फ़िल्म है। इसे ख़ुद भी देखें और बच्चों को भी दिखाएँ। अच्छी रचनाओं का प्रचार प्रसार होते रहना चाहिए।
The Wire
Published on Jan 26, 2019
गणतंत्र दिवस पर इस बार, लगभग बारह-तेरह वर्ष पहले लिखी जन कवि भगवत रावत (१९३९ -२०१२) की कविता 'देश एक राग है' प्रस्तुत है. जिसमें 'नेशन स्टेट' की अवधारणा को लेकर उनकी अपनी बहस शामिल है.
भागवत रावत (१३ सितंबर १ ९ ३ ९ - २५ मई २०१२), भोपाल और झाँसी से एक प्रगतिशील हिंदी लेखक - कवि और निबंधकार थे। उन्होंने बुंदेलखंडी में भी लिखा है। लम्बे समय से चल रही गुर्दे की बीमारी के चलते, 73 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
This Republic Day we present before you the Hindi Poem, 'Desh Ek Raag Hai'. Written by Jan-Kavi Bhagwat Rawat almost 12-13 years back, the poem features his arguments and discussions (still relevant) on the idea of the 'nation state'.
Bhagwat Rawat (13th September 1939 - 25th May 2012), was a progressive Hindi writer - poet and essayist, from Bhopal and Jhansi. He also wrote in the Bundelkhandi dialect. The writer passed away at the age of 73 after a long resistance to kidney failure.
Performed by: Tigmanshu Dhulia, Ratna Pathak Shah and Rasika Dugal
Cinematography by Bhumit Gujar
Sitar performed by Shruti Rawat
Music arranged by T S Dharmesh
Directed and produced by Malhar Salil, Parul Rawat
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~विजय राजबली माथुर ©
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