Thursday, October 26, 2023

सत्यपाल मलिक जी के साथ राहुल गांधी की दिलचस्प चर्चा!



( सत्यपाल मलिक साहब 1969 तक मेरठ कालेज,मेरठ छात्र संघ के अध्यक्ष थे  , उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में प्रेक्टिस करते थे लेकिन बागपत से विधायक बनने के बाद सक्रिय राजनीति में पूर्ण रूप से शामिल हो गए थे। 1969 में मेरे कालेज में प्रवेश लेने के बाद वह अक्सर कालेज आते रहते थे। बांग्लादेश को मान्यता देने के विरोध में एकमात्र मेरा ही वक्तव्य था जिसका जिक्र उनके साथ उपाध्यक्ष रहे राजेन्द्र यादव ने उनसे किया था तब मलिक साहब ने मेरे कंधे को थपथपा  कर कहा था कि हालांकि वह मेरे वक्तव्य से सहमत नहीं हैं फिर भी इस बात की खुशी है कि, मैंने जानते हुए भी कि सभी पक्ष में थे तब भी विपक्ष में विषय उठाया और अपनी बात रखी । उनका कहना था कि, मुझे भविष्य में भी इस निर्भीकता को बनाए रखना चाहिए। यही  बात उस गोष्ठी के अध्यक्षता कर रहे कामर्स के विभागाध्यक्ष डाक्टर एल ए खान  साहब ने तब कही थी । 
बाद में सत्यपाल मलिक साहब राहुल जी कि दादी और तत्कालीन पी एम इंदिरा जी के आह्वान पर पाँच विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे और फिर वी पी सिंह साहब के साथ बाहर गए थे। )



पूर्व सांसद, मंत्री, राज्यपाल और किसान नेता - सत्यपाल मलिक जी के साथ दिलचस्प चर्चा!
मोदी सरकार की दुर्नितियों, खास कर पुलवामा में उनकी लापरवाही, किसान आंदोलन और काले कानूनों को लेकर उनका तानाशाही रवैया और कई महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दों पर अपनी तीखी टिप्पणियों और आलोचना के लिए जाने जाने वाले, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल, सत्यपाल मालिक जी से विस्तार में बातचीत हुई।
आलोचना करने वालों और जनता की आवाज़ उठाने वालों की तरफ इस सरकार का एक ही व्यवहार है - उनकी आवाज़ कुचलने की कोशिश करो। ऐसे ही गंभीर मुद्दों पर, जनता की मुश्किलों को हल करने वाले उपायों पर, राजतंत्र और मीडिया के इस्तेमाल से दबाए जा रहे कई मसलों को सतह पर लाने वाली एक दिलचस्प राजनीतिक चर्चा  ------



  ~विजय राजबली माथुर ©
 

Monday, October 23, 2023

बेपर्दा हो ही गया आखिरकार विषैला नाग



  सोमवार, 25 सितंबर 2023 को "घर, मकान और बदनीयतों की निगाहें" शीर्षक से जो आशंका व्यक्त की थी आखिरकार उसकी पुष्टि कल 22- 10 - 2023 को गोकागु की संलग्न टिप्पणी से स्पष्टता : हो जाती है। 


 दो वर्ष पूर्व  25 सितंबर 2021 को हम अपने वर्तमान मकान में रहने आए थे। यह मकान वृहत्तर लखनऊ की एक नव- विकसित कालोनी में है। यहाँ बहुत से लोग लखनऊ के बाहर से आकर बसे हैं जो लखनवी तहज़ीब से नावाकिफ हैं , पैसे वाले हैं और दूसरों की मेहनत की कमाई से अर्जित मकानों पर गिद्ध दृष्टि लगाए हुए हैं। ऐसे लोगों ने पहले तो ये अफवाहें उड़ाईं कि, कालोनी के कुछ मकान अवैध निर्मित हैं जिससे घबरा कर उनके मालिक हड़बड़ा कर सस्ते में बेच कर भाग जाएँ और ये भू - माफिया अपना धंधा करके अकूत कमाई कर सकें। हो सकता है इससे कुछ लाभ उनको मिला भी हो। 
इन लोगों का शिष्य गोकागू तमाम तांत्रिक प्रक्रियाओं का सहारा लेकर भी हमें परेशान करने के उपक्रम करता रहता  है। 26 अगस्त 2022 को एक वृद्ध पड़ोसी  ए  बी  प्रसाद साहब हमारे घर मिलने आए थे तो उनको ही गलत व्यक्ति साबित करने के लिए 27 अगस्त 2022 को अर्थात अगले ही दिन मुझे अपनी तांत्रिक प्रक्रिया से दुर्घटना - ग्रस्त कर दिया था जिसके कुछ जख्म मुंह पर अब भी बरकरार हैं । गोकागू को लगता है कि, चूंकि मेरी  पत्नी को ग्लूकोमा  और मोतियाबिंद की वजह से देखने और पहचानने में समस्या है  अतः मुझे मार कर वह आसानी से मेरे पुत्र को दबाव बना कर हमारे मकान पर बलात कब्जा कर लेगा और उन दोनों  को खदेड़ देगा। संलग्न फ़ोटो प्रति से उन लोगों की गिद्ध - दृष्टि की पुष्टि भी होती है। 
 स्पष्ट करना चाहता हूँ कि, हमारे परिवार के किसी भी सदस्य को किसी भी प्रकार की अनहोनी का सामना करना पड़ता है तो गोकागू , उसके बुलडोजर आका और उसके पीछे लामबंद होकर हमारे परिवार का बहिष्कार करने वाले सभी जनों  को ही उत्तरदाई समझा जाए।  

इस गोकागु की हमारे यहाँ आने के तुरंत बाद से हमारे यहाँ क्या हो रहा है, कौन  आया क्यों आया जानने और अनावश्यक दखलंदाज़ी करने की प्रवृत्ति पाए जाने पर हमने उसके परिवार से बोलचाल बंद कर दी  थी। इस कारण इस गोकागु ने आमने - सामने रहने वाले इस रो के सभी लोगों को हमारे प्रति घृणित दुष्प्रचार करके हमारा बहिष्कार करवा रखा है। लेकिन इसके समर्थक कभी किसी कागज पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश करते हैं कभी किसी पाखंड कार्यक्रम के लिए चन्दा मांगने आते रहते हैं। पहले ये लोग सब्जी वाले चौराहे को रावण चौक कहते थे , अभी भी कुछ लोग ऐसा ही करते हैं। कुछ लोगों ने इसका नामकरण ' माँ  दुर्गा चौक ' कर दिया है और इस नाम के ग्रुप में हमें भी शामिल कर लिया है। 

मेकेनिकल इंजीनियर और ज्योतिष के विशेषज्ञ आचार्य राजीव नारायण शर्मा के विश्लेषण का वीडियो जिसमें नवरात्र और दशहरा के संबंध में धार्मिक विचार सम्मिलित हैं का लिंक इस ग्रुप में लगाने पर यह गोकागु जो खुद को शायद ग्रुप का डिक्टेटर समझता है मुझे आदेश देने की टिप्पणी जिसकी फ़ोटो प्रति ऊपर संलग्न है लगा गया था। वह समझता होगा जो मैं उससे बोलना पसंद नहीं करता उसको जवाब दूंगा तो यह उस बुद्धि के रासभ और अक्ल के खोते का खयाली पुलाव ही है। 

जो गोकागु दो वर्ष पूर्व कहता था कि उसने 10 वर्ष से अब तक 12 वर्ष हो गए लेखनी - पेन को हाथ नहीं लगाया है और वह अखबार भी नहीं पढ़ता। ऐसे कुपढ़ एजुकेटेड इललिट्रेट से हम लोग तो संपर्क रख ही नहीं सकते भले ही सारे कुपढ़ एजुकेटेड इलिट्रेट उसके पीछे लामबंद रहें तो रहें फिर उनको न तो हमसे कोई चन्दा मांगना चाहिए और न ही किसी सहयोग की अपेक्षा करनी चाहिए।। 

इस गोकागु ने कुपढ़ एजुकेटेड इललिट्रेट  को यह पट्टी पढ़ा रखी है कि मेरे मरने पर मेरे बेटे को मेरे लाश ठिकाने लगाने के लिए उस कमबख्त के आगे झुकना ही पड़ेगा परंतु  यह भी उसका दिवा स्वप्न ही होने वाला है। 

बहरहाल इस बार नवरात्र के दौरान गोकागु का बेनकाब होना हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। जो विषैला नाग छुप छुप कर फुफकारता था वह अब फन फैलाए खुद - ब - खुद नग्न हो ही गया। 




~विजय राजबली माथुर ©

Wednesday, October 18, 2023

बंगाल और महुआ मोइत्रा



क्योंकि अडानी के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में केस चलाने वालों में सांसद महुआ मोइत्रा भी थीं,इसलिए इनको जलील करने का षड्यंत्र रचा गया है।
राहुल गांधी को उनके चुनाव भाषण के लिए और संजय सिंह को आबकारी नीति मामले में घसीटा गया था जबकि महुआ  जी को अडानी की पोल खोलने के कारण ।
टी एम सी के साथी सांसद ही नहीं बंगाल की पूरी जनता महुआ जी के समर्थन में खड़ी होगी। बंगाल के आंदोलन को ब्रिटिश सरकार भी नहीं सम्हाल पाई थी और बंगाल के विभाजन को रद्द करना पड़ा था जबकि बंगाल के आंदोलन ने ही पाकिस्तान को विभाजित कर दिया था।
महुआ मोइत्रा के विरुद्ध करवाई सरकार को बहुत मंहगी पड़ने वाली है।

दीदी  ओ दीदी  के नारे लगाने की  वजह से बंगाल की जनता ने उस पार्टी को बुरी तरह से हरा कर टी एम सी को पुनः सत्तारूढ़ किया था। अब  टी एम सी सांसद  महुआ मोइत्रा पर नवरात्र में चरित्र हनन द्वारा हमला किया गया है । बंगाल जहां दुर्गा पूजा,लक्ष्मी पूजा और काली पूजा के त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाए जाते हैं वहाँ की जनता निश्चय ही अपने जन - प्रिय सांसद के साथ खड़ी होगी । 

जितना ज्यादा महुआ मोइत्रा का उत्पीड़न होगा उतनी ही स्थिति मोदी और उनकी सरकार की कमजोर होती जाएगी। ग्रह - नक्षत्रों की स्थिति मोदी और उनकी पार्टी के प्रतिकूल चल रही है ,ऐसी  स्थिति में महिला होने के कारण ' शुक्र ' ग्रह महुआ मोइत्रा को प्रबल लाभ पहुंचाएगा और आने वाले लोकसभा चुनावों में केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार और पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ेगा। 

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  ~विजय राजबली माथुर ©