Saturday, December 9, 2023

महुआ मोइत्रा के निष्कासन की निंदा








व्याकरणाचार्य किशोरीदास बाजपेई जिनको रामधारी सिंह दिनकर ने हिंदी भाषा और साहित्य के राम मनोहर लोहिया की उपाधि से विभूषित किया था का कहना था कि, धन की शक्ति लक्ष्मी,विद्या ज्ञान और विज्ञान की शक्ति सरस्वती एवं सैन्य शक्ति काली का समन्वय है दुर्दमनीया शक्ति जिसे लोक भाषा में दुर्गा कहते हैं।
दुर्गा को ज्योतिष ज्ञाता शुक्र ग्रह का प्रतिनिधि देवता मानते हैं।शुक्र ग्रह ब्रह्माण्ड में सूर्य से भी अधिक तेजवान है ।सूर्य को राजा अर्थात शासक का प्रतीक माना जाता है।शुक्र नारी का प्रतीक है।
शुक्रवार के दिन शासक वर्ग ने एक नारी महुआ मोइत्रा को षड्यंत्र पूर्वक सांसद पद से अपमानपूर्वक निष्कासित किया है जो  इस बात को इंगित करता है कि आगामी लोकसभा चुनावों में वर्तमान शासक वर्ग को शुक्र ग्रह और उसके प्रतिनिधि देवता दुर्गा द्वारा निश्चय ही दंडित किया जाने वाला है।
यह घटना i n d i a गठबंधन को बहुमत दिलाने का कार्य करेगी।
सम्पूर्ण गठबंधन को संयुक्त रूप से महुआ मोइत्रा के निष्कासन की निंदा और विरोध करना चाहिए।


  ~विजय राजबली माथुर ©
 

Friday, December 8, 2023

समय पूर्व लोकसभा चुनाव



उत्तर - प्रदेश में समय से पहले परीक्षा कराने के निर्णय से समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने के अनुमानों की पुष्टि होती है। इस आशय के समाचार गुजरात में गुजराती भाषा के अखबारों में भी छपवाए गए हैं। की वरिष्ठ पत्रकारों ने इसी विषय पर अपने - अपने वीडियो जारी करके ऐसी ही संभावनाएं जताई हैं। 
कुछ ज्योतिषियों ने विभिन्न यू ट्यूब चेनल्स पर स्पष्ट किया था कि,1919 में पी एम पद की शपथ कुंडली के अनुसार यह कार्यकाल पूर्ण  न होने के योग हैं। अतः यह निर्णय उसकी भी पुष्टि करता है।




  ~विजय राजबली माथुर ©

Wednesday, December 6, 2023

डाक्टर आंबेडकर परिनिर्वाड़ दिवस और संविधान

 


06 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का विध्वंस सिर्फ एक  भवन का ढहाया जाना नहीं है संविधान निर्मात्री समिति के चेयरमेंन डाक्टर भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाड़  दिवस का चयन यह दिखाने के लिए किया गया था कि अब उनके प्रयासों से निर्मित संविधान को भी ढहाया जाएगा। 
उसी  दिशा में अभी कुछ ही दिन पूर्व प्रधानमंत्री के सलाहकार ने इस संविधान को बदलने की इच्छा एक लेख के जरिए जाहिर भी कर दी  है। 
कांग्रेस समेत I  N  D  I  A  गठबंधन को संविधान और लोकतंत्र  की रक्षा हेतु  ई वी एम से चुनाव व्यवस्था को समाप्त करने के लिए कानूनी और जनांदोलनों के जरिए ईमानदार कदम उठाने चाहिए वही डाक्टर आंबेडकर के लिए सच्ची श्रद्धांजली होगी। 






  ~विजय राजबली माथुर ©

Thursday, October 26, 2023

सत्यपाल मलिक जी के साथ राहुल गांधी की दिलचस्प चर्चा!



( सत्यपाल मलिक साहब 1969 तक मेरठ कालेज,मेरठ छात्र संघ के अध्यक्ष थे  , उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में प्रेक्टिस करते थे लेकिन बागपत से विधायक बनने के बाद सक्रिय राजनीति में पूर्ण रूप से शामिल हो गए थे। 1969 में मेरे कालेज में प्रवेश लेने के बाद वह अक्सर कालेज आते रहते थे। बांग्लादेश को मान्यता देने के विरोध में एकमात्र मेरा ही वक्तव्य था जिसका जिक्र उनके साथ उपाध्यक्ष रहे राजेन्द्र यादव ने उनसे किया था तब मलिक साहब ने मेरे कंधे को थपथपा  कर कहा था कि हालांकि वह मेरे वक्तव्य से सहमत नहीं हैं फिर भी इस बात की खुशी है कि, मैंने जानते हुए भी कि सभी पक्ष में थे तब भी विपक्ष में विषय उठाया और अपनी बात रखी । उनका कहना था कि, मुझे भविष्य में भी इस निर्भीकता को बनाए रखना चाहिए। यही  बात उस गोष्ठी के अध्यक्षता कर रहे कामर्स के विभागाध्यक्ष डाक्टर एल ए खान  साहब ने तब कही थी । 
बाद में सत्यपाल मलिक साहब राहुल जी कि दादी और तत्कालीन पी एम इंदिरा जी के आह्वान पर पाँच विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे और फिर वी पी सिंह साहब के साथ बाहर गए थे। )



पूर्व सांसद, मंत्री, राज्यपाल और किसान नेता - सत्यपाल मलिक जी के साथ दिलचस्प चर्चा!
मोदी सरकार की दुर्नितियों, खास कर पुलवामा में उनकी लापरवाही, किसान आंदोलन और काले कानूनों को लेकर उनका तानाशाही रवैया और कई महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दों पर अपनी तीखी टिप्पणियों और आलोचना के लिए जाने जाने वाले, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल, सत्यपाल मालिक जी से विस्तार में बातचीत हुई।
आलोचना करने वालों और जनता की आवाज़ उठाने वालों की तरफ इस सरकार का एक ही व्यवहार है - उनकी आवाज़ कुचलने की कोशिश करो। ऐसे ही गंभीर मुद्दों पर, जनता की मुश्किलों को हल करने वाले उपायों पर, राजतंत्र और मीडिया के इस्तेमाल से दबाए जा रहे कई मसलों को सतह पर लाने वाली एक दिलचस्प राजनीतिक चर्चा  ------



  ~विजय राजबली माथुर ©
 

Monday, October 23, 2023

बेपर्दा हो ही गया आखिरकार विषैला नाग



  सोमवार, 25 सितंबर 2023 को "घर, मकान और बदनीयतों की निगाहें" शीर्षक से जो आशंका व्यक्त की थी आखिरकार उसकी पुष्टि कल 22- 10 - 2023 को गोकागु की संलग्न टिप्पणी से स्पष्टता : हो जाती है। 


 दो वर्ष पूर्व  25 सितंबर 2021 को हम अपने वर्तमान मकान में रहने आए थे। यह मकान वृहत्तर लखनऊ की एक नव- विकसित कालोनी में है। यहाँ बहुत से लोग लखनऊ के बाहर से आकर बसे हैं जो लखनवी तहज़ीब से नावाकिफ हैं , पैसे वाले हैं और दूसरों की मेहनत की कमाई से अर्जित मकानों पर गिद्ध दृष्टि लगाए हुए हैं। ऐसे लोगों ने पहले तो ये अफवाहें उड़ाईं कि, कालोनी के कुछ मकान अवैध निर्मित हैं जिससे घबरा कर उनके मालिक हड़बड़ा कर सस्ते में बेच कर भाग जाएँ और ये भू - माफिया अपना धंधा करके अकूत कमाई कर सकें। हो सकता है इससे कुछ लाभ उनको मिला भी हो। 
इन लोगों का शिष्य गोकागू तमाम तांत्रिक प्रक्रियाओं का सहारा लेकर भी हमें परेशान करने के उपक्रम करता रहता  है। 26 अगस्त 2022 को एक वृद्ध पड़ोसी  ए  बी  प्रसाद साहब हमारे घर मिलने आए थे तो उनको ही गलत व्यक्ति साबित करने के लिए 27 अगस्त 2022 को अर्थात अगले ही दिन मुझे अपनी तांत्रिक प्रक्रिया से दुर्घटना - ग्रस्त कर दिया था जिसके कुछ जख्म मुंह पर अब भी बरकरार हैं । गोकागू को लगता है कि, चूंकि मेरी  पत्नी को ग्लूकोमा  और मोतियाबिंद की वजह से देखने और पहचानने में समस्या है  अतः मुझे मार कर वह आसानी से मेरे पुत्र को दबाव बना कर हमारे मकान पर बलात कब्जा कर लेगा और उन दोनों  को खदेड़ देगा। संलग्न फ़ोटो प्रति से उन लोगों की गिद्ध - दृष्टि की पुष्टि भी होती है। 
 स्पष्ट करना चाहता हूँ कि, हमारे परिवार के किसी भी सदस्य को किसी भी प्रकार की अनहोनी का सामना करना पड़ता है तो गोकागू , उसके बुलडोजर आका और उसके पीछे लामबंद होकर हमारे परिवार का बहिष्कार करने वाले सभी जनों  को ही उत्तरदाई समझा जाए।  

इस गोकागु की हमारे यहाँ आने के तुरंत बाद से हमारे यहाँ क्या हो रहा है, कौन  आया क्यों आया जानने और अनावश्यक दखलंदाज़ी करने की प्रवृत्ति पाए जाने पर हमने उसके परिवार से बोलचाल बंद कर दी  थी। इस कारण इस गोकागु ने आमने - सामने रहने वाले इस रो के सभी लोगों को हमारे प्रति घृणित दुष्प्रचार करके हमारा बहिष्कार करवा रखा है। लेकिन इसके समर्थक कभी किसी कागज पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश करते हैं कभी किसी पाखंड कार्यक्रम के लिए चन्दा मांगने आते रहते हैं। पहले ये लोग सब्जी वाले चौराहे को रावण चौक कहते थे , अभी भी कुछ लोग ऐसा ही करते हैं। कुछ लोगों ने इसका नामकरण ' माँ  दुर्गा चौक ' कर दिया है और इस नाम के ग्रुप में हमें भी शामिल कर लिया है। 

मेकेनिकल इंजीनियर और ज्योतिष के विशेषज्ञ आचार्य राजीव नारायण शर्मा के विश्लेषण का वीडियो जिसमें नवरात्र और दशहरा के संबंध में धार्मिक विचार सम्मिलित हैं का लिंक इस ग्रुप में लगाने पर यह गोकागु जो खुद को शायद ग्रुप का डिक्टेटर समझता है मुझे आदेश देने की टिप्पणी जिसकी फ़ोटो प्रति ऊपर संलग्न है लगा गया था। वह समझता होगा जो मैं उससे बोलना पसंद नहीं करता उसको जवाब दूंगा तो यह उस बुद्धि के रासभ और अक्ल के खोते का खयाली पुलाव ही है। 

जो गोकागु दो वर्ष पूर्व कहता था कि उसने 10 वर्ष से अब तक 12 वर्ष हो गए लेखनी - पेन को हाथ नहीं लगाया है और वह अखबार भी नहीं पढ़ता। ऐसे कुपढ़ एजुकेटेड इललिट्रेट से हम लोग तो संपर्क रख ही नहीं सकते भले ही सारे कुपढ़ एजुकेटेड इलिट्रेट उसके पीछे लामबंद रहें तो रहें फिर उनको न तो हमसे कोई चन्दा मांगना चाहिए और न ही किसी सहयोग की अपेक्षा करनी चाहिए।। 

इस गोकागु ने कुपढ़ एजुकेटेड इललिट्रेट  को यह पट्टी पढ़ा रखी है कि मेरे मरने पर मेरे बेटे को मेरे लाश ठिकाने लगाने के लिए उस कमबख्त के आगे झुकना ही पड़ेगा परंतु  यह भी उसका दिवा स्वप्न ही होने वाला है। 

बहरहाल इस बार नवरात्र के दौरान गोकागु का बेनकाब होना हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। जो विषैला नाग छुप छुप कर फुफकारता था वह अब फन फैलाए खुद - ब - खुद नग्न हो ही गया। 




~विजय राजबली माथुर ©

Wednesday, October 18, 2023

बंगाल और महुआ मोइत्रा



क्योंकि अडानी के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में केस चलाने वालों में सांसद महुआ मोइत्रा भी थीं,इसलिए इनको जलील करने का षड्यंत्र रचा गया है।
राहुल गांधी को उनके चुनाव भाषण के लिए और संजय सिंह को आबकारी नीति मामले में घसीटा गया था जबकि महुआ  जी को अडानी की पोल खोलने के कारण ।
टी एम सी के साथी सांसद ही नहीं बंगाल की पूरी जनता महुआ जी के समर्थन में खड़ी होगी। बंगाल के आंदोलन को ब्रिटिश सरकार भी नहीं सम्हाल पाई थी और बंगाल के विभाजन को रद्द करना पड़ा था जबकि बंगाल के आंदोलन ने ही पाकिस्तान को विभाजित कर दिया था।
महुआ मोइत्रा के विरुद्ध करवाई सरकार को बहुत मंहगी पड़ने वाली है।

दीदी  ओ दीदी  के नारे लगाने की  वजह से बंगाल की जनता ने उस पार्टी को बुरी तरह से हरा कर टी एम सी को पुनः सत्तारूढ़ किया था। अब  टी एम सी सांसद  महुआ मोइत्रा पर नवरात्र में चरित्र हनन द्वारा हमला किया गया है । बंगाल जहां दुर्गा पूजा,लक्ष्मी पूजा और काली पूजा के त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाए जाते हैं वहाँ की जनता निश्चय ही अपने जन - प्रिय सांसद के साथ खड़ी होगी । 

जितना ज्यादा महुआ मोइत्रा का उत्पीड़न होगा उतनी ही स्थिति मोदी और उनकी सरकार की कमजोर होती जाएगी। ग्रह - नक्षत्रों की स्थिति मोदी और उनकी पार्टी के प्रतिकूल चल रही है ,ऐसी  स्थिति में महिला होने के कारण ' शुक्र ' ग्रह महुआ मोइत्रा को प्रबल लाभ पहुंचाएगा और आने वाले लोकसभा चुनावों में केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार और पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ेगा। 

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  ~विजय राजबली माथुर ©

Thursday, August 24, 2023

सटीक एवं सही विश्लेषण सिद्धांत सहगल साहब का

ज्योतिष मानव जीवन को सुंदर,सुखद और समृद्ध बनाने वाला विज्ञान था।लेकिन आजकल सत्तारूढ़ दल तथा इसके नायक की सफलता का आख्यान करने वालों को सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी घोषित करने संबंधित एक लेख हिंदुस्तान अखबार ने स्वाति कुमारी के नाम से छाप कर जनता से कहा है उन तीन ज्योतिषियों से सलाह लेनी चाहिए।
इनके अलावा भी डंके की चोट पर नायक की सफलता का गुणगान करने वाले तमाम ज्योतिषी आन लाइन प्रचार में संलग्न हैं।
2014 में भी शशि शेखर चतुर्वेदी के संपादकत्व वाला हिंदुस्तान राज तिलक की करो तैयारी जैसे शीर्षकों से अपने अखबार को रंग रहा था।
जिस अखबार को घनश्याम दास बिड़ला ने देश के स्वाधीनता संग्राम को गति देने के लिए शुरू किया था और जिसके प्रथम संपादक महात्मा गांधी थे वह आज अधिनायकवाद का इतना प्रबल समर्थक हो गया है जिसके पीछे उसके वर्तमान आर्थिक हित निहित हैं।

  ~विजय राजबली माथुर ©

बेहद सटीक एवं सही विश्लेषण ,ध्यान दिया जाना चाहिए।

https://www.facebook.com/story.php?story_fbid=4194822643958504&id=100002924308527&post_id=100002924308527_4194822643958504&mibextid=Nif5oz


Sidhant Sehgal
Favourites  · 
7 February 2021
  · 
कुछ ऐसे फलादेश जो आज मैं करने जा रहा हूँ -- स्क्रीन शॉट लेकर फ्रेम में सजा कर घर पर टाँग लीजियेगा - भविष्य में बच्चो के काम आएगा ये फलादेश 
१--- भारतवर्ष हिन्दू राष्ट्र कभी नहीं बनेगा -- और ये डैमेज इस नकली हिन्दू हृदय सम्राट ने ही किया हैं। 
२--- भारतवर्ष में हिंदुत्व के नाम पर शायद ही कोई सरकार वापस केंद्र में आये -- आई भी तो २०६०-७० के बाद बाद आएगी वो भी अपूर्ण बहुमत के साथ बैशाखियों पर तिकी हुई। 
३--- भारतवर्ष की खूबसूरती ही ''अनेकता में एकता'' हैं इसलिए वर्तमान सरकार का झूठा हठ  एक देश एक कानून -- भारतवर्ष को २० टुकड़ो में बाँट देगा। (वैसे ये लोग एक देश  एक कानून मूर्खो को मुर्ख बनाने के लिए बोलते हैं - हकीकत इन्हे भी मालूम है)
४--- वर्तमान शासक के गद्दी से हटने के बाद लोगों को पता चलेगा कि इस देश को किस चक्रव्यूह में डाल दिया था इन्होने  - इतिहास का सबसे बदनाम शासक के तौर पर इतिहास में नाम दर्ज होगा। (जो अभूतपूर्व समर्थन और प्यार इनको मिला था ये चाहते तो सचमुच भारतवर्ष की किस्मत बदल कर दोबारा सोने की चिड़िया बना सकते थे - पर इन्होने विदेशियों और उद्योगपतियों के इशारे पर आम जनता का खून चूसने में ज्यादा दिलचस्पी दिखलाई - ये आत्मकेन्द्रिक और दम्भी व्यक्ति को अपनी इमेज के आगे कुछ नजर  ही नहीं आया - फुलाए हुए गुब्बारे वाली लोकप्रियता और झूठी बनाई हुई खरीदी हुई प्रसिद्धि को ये सत्य मान बैठे। 
५--- फ़र्ज़ी बिमारी इस देश में लादने के लिए विदेशी खुर्राटों ने इनका इस्तेमाल कर लिया और अब चूसे हुए आम की तरह फेंक चुके है -क्योंकि इतना ही इस्तेमाल था इनका उनकी नजर -- नकली चाणक्य -विदेशी चालो में फँस कर भारतवर्ष का सत्यानाश कर बैठे। 
सबकुछ रेत की तरह तेजी से फिसल रहा है -- कर्मो के फल इसी तरह सामने आते हैं।

Sunday, January 8, 2023

वरुण गांधी और कांग्रेस


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दीपक शर्मा और आनंद वर्धन सिंह की वार्ता में उठे प्रश्नों का जवाब तो राहुल पहले ही उनसे पूछे गए सवालों के जवाब में दे चुके थे।राहुल ने कहा था वरुण का स्वागत है लेकिन वह बी जे पी में हैं तो उनको दिक्कत होगी इसका साफ मतलब था कि वरुण को भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में आना होगा।
मानेका गांधी को पूर्व भाजपा उपाध्यक्ष विजय राजे सिंधिया ने इंदिरा गांधी के विरुद्ध खड़ा किया था,सोनिया गांधी के विरुद्ध नहीं। ( विजय राजे सिंधिया ने तत्कालीन मुख्यमंत्री , मध्य - प्रदेश द्वारिकानाथ मिश्र के विरुद्ध इंदिरा जी के सहयोग न मिलने पर कांग्रेस छोड़ दी थी और संविद के जरिए उनकी सरकार गिर दी थी गोविंद नारायण सिंह को सी एम बनवा कर )। 
मानेका गांधी उस वक्त  " सूर्या "  नामक एक मैगजीन की संपादक थीं जिसे विजय राजे सिंधिया ने  सरदार आंग्रे  को आगे रख कर खरीद लिया था। 
उनके इशारे पर ही संजय विचार मंच बना था जो लटूरी सिंह को मारे जाने के बाद स्वतंत्र रूप से नहीं चल पाया 1980 में संघ के समर्थन से सत्ता वापिसी की कीमत संजय को खो कर इंदिरा जी को चुकानी पड़ी थी , और संजय विचार मंच के विफल रहने पर  वी पी सिंह के जनता दल से होते हुए  मानेका भाजपा में पहुंच गई,वरुण तो स्वभाविक रूप से वहां इसीलिए रहे।
सोनिया गांधी के राजयोग व्यतीत होने के बाद , जिसका उपभोग राजीव गांधी कर चुके थे और राहुल,प्रियंका के पी एम योग न होने तथा मानेका एवं वरुण के प्रबल राजयोग होने के कारण दोनों का कांग्रेस में आना कांग्रेस के लिए तो फायदेमंद रहेगा हो।देश का संविधान,लोकतंत्र भी सुरक्षित हो जाएगा जो इस समय की जबरदस्त मांग है। 





  ~विजय राजबली माथुर ©